नई दिल्ली: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को लेकर किए गए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में काफी महत्वपूर्ण बातें पता चली हैं। इस स्टडी के मुताबिक, स्वच्छ भारत मिशन के चलते देश के प्रत्येक घर को सालाना 727 डॉलर (54 हजार रुपये) के बराबर आर्थिक लाभ पहुंचा है। इस स्टडी को गई हटन, सुमित पाटिल, अवनि कुमार, निकलस ऑसबर्ट और फ्रांसिस ओडिहाम्बो की टीम ने किया है। सुमित और अवनि महिंद्रा इंडस्ट्रियल कोऑपरेटिव सोसाइटी तथा हटन, ऑसबर्ट और ओडिहाम्बो यूनिसेफ से जुड़े हैं।
सामने आई हैरान कर देने वाली जानकारी
इस अध्ययन में हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। स्टडी के मुताबिक, स्वच्छ भारत मिशन के चलते न केवल हर घर को सालाना 727 डॉलर (54 हजार रुपये) के बराबर आर्थिक लाभ पहुंचा, बल्कि एक घर पर खर्च किए गए पैसे पर 10 साल में 1.7 गुना रिटर्न भी मिलने का अनुमान है। वहीं, कुल खर्च पर समाज को मिलने वाला रिटर्न 10 साल में लागत का 4.3 गुना हो जाता है। इसका मतलब यह है कि इस अभियान पर जितना खर्च हुआ है, समाज को 10 साल में इस पर आए खर्चे से 4.3 गुना जितना फायदा होगा। इस अभियान का लाभ समाज के सबसे गरीब तबके को सबसे ज्यादा मिला है और उसे लागत के 2.6 गुना आर्थिक लाभ और 5.7 गुना सामाजिक लाभ की बात स्टडी में कही गई है।
2 अक्टूबर 2014 को हुई थी मिशन की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। नरेंद्र मोदी ने तब भारत को अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच से मुक्त कराने का लक्ष्य रखा था। भारत जैसे विशाल देश के लिए यह एक बहुत बड़ा अभियान माना गया था, लेकिन सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2019 तक इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से लेकर अब तक देश में कुल 10,69,78,594 नए शौचालयों का निर्माण हुआ, और इस दौरान कुल 6,03,177 गांव खुले में शौच से मुक्त हुए हैं।
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