पीएम मोदी ने की RBI के कदमों की सरहाना, बताया छोटे उद्योगों, एमएसएमई, किसानों और गरीबों के लिए मददगार
केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती कर उसे 3.75 प्रतिशत कर दिया।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से जंग के लिए देश में जारी लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को कुछ नए उपायों की घोषणा की गई है, जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर कहा है कि आरबीआई द्वारा आज की गई घोषणाओं से अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ेगी और ऋण प्रवाह में भी सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई के इन कदमों से हमारे छोटे उद्योगों, एमएसएमई, किसानों और गरीबों को काफी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं आज की गई घोषणाओं में डब्ल्यूएमए सीमा बढ़ाने के फैसले से राज्यों को भी मदद मिलेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते वह आर्थिक तंत्र में पर्याप्त नकदी बनाये रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। केंद्रीय बैंक ने इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती कर उसे 3.75 प्रतिशत कर दिया। हालांकि, रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिवर्स रेपो दर घटने से बैंक अपनी नकदी को फौरी तौर पर रिजर्व बैंक के पास रखने को कम इच्छुक होंगे। इससे उनके पास नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी। इससे बैंक अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को अधिक कर्ज देने को प्रोत्साहित होंगे।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार सुबह ये घोषणायें करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था पर बढ़े वित्तीय दबाव को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही दास ने राज्यों पर खर्च के बढ़े दबाव को देखते हुए उनके लिए अग्रिम की सुविधा को 60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इससे राज्यों को इस कठिन समय में संसाधन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय बैंक लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) के जरिए अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराएगा। यह काम किस्तों में किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने नाबार्ड, नेशनल हाउसिंग बैंक और सिडबी जैसे वित्तीय संस्थानों के पुन: वित्त पोषणा के लिए 50,000 करोड़ रुपए की सहायता देने की भी घोषणा की। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक के उपायों से बैंकिंग प्रणाली में अधिशेष तरलता काफी बढ़ी है। गवर्नर ने कहा कि आरबीआई कोविड-19 के प्रकोप से पैदा होने वाले हालात पर नजर बनाए रखे हुए है।