नई दिल्ली: शुक्रवार को पंजाब के अमृतसर में हुए रेल हादसे के बाद राज्य सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू गुरु नानक देव अस्पताल पहुंचे जहां घायलों को भर्ती कराया गया है। इस दौरान उन्होंने बताया कि यह हादसा कुछ मिनटों में ही हो गया। ट्रेन की गति काफी तेज थी और उसका हॉर्न नहीं बजाया गया था। सीएम ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। बता दें शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरी पर खड़े लोगों के ऊपर ट्रेन चढ़ने से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ। उस समय घटनास्थल पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे।
इससे पहले पत्नी नवजोत कौर का बचाव करते हुए सिद्धू ने कहा, 'जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती। लोग जो बात कर रहे हैं वह राजनीतिक बातें कर रहे हैं। राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए।'
सिद्धू ने कहा कि इस घटना पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेला जा सकता। उन्होंने कहा कि रावण दहन आजकल बटन से होता है जिससे आग तेजी से लगती है। इस दौरान जब आतिशबाजी गलत दिशा में जाती है तो लोग पीछे हटते हैं। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों को पता नहीं चला होगा।
वहीं नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि जो लोग इसपर राजनीति कर रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्होने कहा कि जैसे ही रावण दहन खत्म हुआ वैसे ही वह उस दहन वाले कार्यक्रम से निकल गईं थी। उन्होंने यह भी कहा कि उस जगह पर रावण दहन का कार्यक्रम हर साल होता है।
गौरतलब है कि हादसे वाली जगह पर प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने आरोप लगाया है कि नवजोत कौर सिद्धू दहन के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं और हादसा होने पर वह उस जगह से चुपचाप चली गई। हालांकि नवजोत कौर ने बाद में बयान दिया कि जैसे ही उनको हादसे का पता चला वैसे ही वह अस्पताल पहुंच गई और घायलों के इलाज में मदद करने लगी।
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