नई दिल्ली: अमृतसर में घायलों से मिलने पहुंचे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का भारी विरोध हुआ। लोगों ने अमरिंदर के खिलाफ नारेबाजी की। वारदात के 17 घंटे बाद अमरिंदर सिंह अस्पताल में लोगों से मिलने पहुंचे हैं। यहां कैप्टन अमरिंदर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमने पंजाब सरकार की ओर से मामले की मैजिस्ट्रेट जांच कराने का फैसला किया है और जांच अधिकारियों को चार हफ्ते में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। मीडिया से बात करते हुए सिंह ने कहा कि अमृतसर में हुई घटना काफी दुखद है और हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। सरकार ने मृतकों के परिवार को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। इस काम के लिए अमृतसर जिला प्रशासन को तत्काल 3 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। इसके अलावा घायलों को अस्पताल में मुफ्त इलाज देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि हादसे में मृत लोगों की पहचान की जा रही है और अब सिर्फ 9 शवों की पहचान का काम शेष हैं।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा देर रात ही घटना स्थल पर पहुंचे लेकिन पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर हादसे के करीब 17 घंटे बाद अमृतसर पहुंचे जिस कारण उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। यहां पहुंचकर उन्होंने राहत और बचाव के कामों की जानकारी ली। इसके बाद घायलों से मिलने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे। अमृतसर एयरपोर्ट पर ही सीएम ने अधिकारियों के साथ अहम बैठक की और राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। बैठक में क्राइसिस मैनेजमेंट टीम के अधिकारी भी मौजूद रहे। शुक्रवार शाम जब यह हादसा हुआ तब अमरिंदर सिंह दिल्ली में मौजूद थे। हादसे के बाद उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया भी दी।
उन्होंने रात के वक्त ही इस संबंध में ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह खुद अमृतसर जा रहे हैं और वहां हालात का जायजा लेंगे। साथ ही अमरिंदर सिंह ने अपने ट्वीट में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख के मुआवजे की घोषणा की थी और घायलों के मुफ्त इलाज का ऐलान किया था। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दशहरा समारोह के दौरान अमृतसर जैसी त्रासदी को रोकने के लिए धार्मिक और सामाजिक मंडलियों को अनुमति के लिए विस्तृत दिशानिर्देश तैयार करने के लिए गृह सचिव एनएस काल्सी को निर्देश दिया।
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