बीते रविवार विभूतिखंड इलाके में एमिटी यूनिवर्सिटी की 40 वर्षीय प्रोफेसर डॉ. गरिमा पाठक ने फांसी लगाकर अपनी जान ले ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को मौके पर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने महिला के परिवारवालों को घटना के बारे में सूचित कर दिया है परिवारवालों के आने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। (कासगंज हिंसा पर गवर्नर राम नाइक का बयान, घटना यूपी के लिए एक कलंक)
एसएसआई विनय कुमार सिंह ने बताया कि मूलरूप से छत्तीसगढ़ के दुर्ग नेवई में रहने वाली महेश अवस्थी की बेटी डॉ. गरिमा पाठक पिछले 6 महीने से एल्डिको ऐलिगेंस के ए-3 ब्लॉक में प्लैट नंबर 1102 में किराए पर रह रही थी। गरिमा एमिटी यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर के पद पर थी। गरीमा पिछले 2 सालों से अमानीगंज निवासी अखिलेश तिवारी के साथ रह रही थी। 25 जनवरी को जब अखिलेश काम के सिलसिले में अपने घर गए हुए थे। इस बीच गरिमा घर पर अकेली थी। रविवार को जब अखिलेश वापस लौटे तो उन्हें दरवाजा अंदर से बंद मिला।
जब डोरबेल बजाने और खूब आवाज लगाने के बाद भी कोई जवाब ना आ ने पर अखिलेश ने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा। घटना पर पहुंची पुलिस ने देखा कि, डॉ. गरिमा डाइनिंग हॉल में लगे पंखे में साड़ी के सहारे लटकी हुई थीं। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेजवाकर परिवारीजनों को सूचना दी।
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