नई दिल्ली: गृहमंत्री अमित शाह आज सुबह अहमदाबाद के भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचे और सुबह की काकड़ आरती में हिस्सा लिया। हर रोज़ सुबह चार बजे भगवान जगन्नाथ की आरती होती है, लिहाज़ा गृहमंत्री अपने तय समय से पहले ही वहां पहुंच चुके थे और ठीक चार बजे होने वाली आरती में उन्होंने हिस्सा लिया।
अमित शाह जब वहां पहुंचे उस वक्त मंदिर में भगवान जगन्नाथ के द्वार नहीं खुले थे। ऐसे में कुछ देर तक मंदिर प्रांगण में ही बैठकर वो भक्ति में लीन दिखे। कुछ देर बाद सुबह चार बजे जब मंदिर का पट खुला तो पहले पुजारियों ने पूजा की फिर अमित शाह ने भगवान जगन्नाथ की आरती की।
हालांकि अमित शाह वहां अकेले नहीं पहुंचे थे बल्कि इस दौरान शाह के साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थीं। पूजा करने के बाद अमित शाह ने भगवान का आशीर्वाद लिया और कुछ देर तक वहां बैठे रहे।
क्या है रथ यात्रा की कहानी?
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जगत के नाथ श्री जगन्नाथ पुरी का जन्मदिन होता है और उसी दिन जगन्नाथ को बड़े भाई बलराम तथा बहन सुभद्रा के साथ स्नान मंडप में ले जाते हैं जहां भगवान जगन्नाथ को 108 कलशों से शाही स्नान करवाया जाता है।
इस स्नान से प्रभु बीमार हो जाते हैं और उन्हें बुखार आ जाता है। बीमारी की स्थिति में 15 दिन तक प्रभु जगन्नाथ को एक विशेष कक्ष में रखा जाता है। इस दौरान मंदिर में महाप्रभु के प्रतिनिधि अलारनाथ जी की प्रतिमा स्थपित की जाती है।
15 दिन बाद भगवान स्वस्थ होकर कक्ष से बाहर निकलते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं। द्वितीया के दिन जगन्नाथ, बडे भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ राजमार्ग पर आते हैं और रथ पर विराजमान होकर भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं।
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