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Hindi News भारत राष्ट्रीय कोविड-19 संबंधी पाबंदी के बीच 2020-21 में 27 लाख बेटिकट यात्री पकड़े गए

कोविड-19 संबंधी पाबंदी के बीच 2020-21 में 27 लाख बेटिकट यात्री पकड़े गए

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों में प्रवेश के लिए कई तरह की पाबंदियों के बावजूद पिछले वित्तीय वर्ष में 27 लाख से ज्यादा लोग बेटिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए।

Indian Railways- India TV Hindi Image Source : PTI/REPRESENTATIVE IMAGE Indian Railways

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों में प्रवेश के लिए कई तरह की पाबंदियों के बावजूद पिछले वित्तीय वर्ष में 27 लाख से ज्यादा लोग बेटिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत मिले जवाब से यह जानकारी मिली है। अधिकारियों ने कहा है कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत कम मामले आए हैं और कोविड-19 से जुड़ी पाबंदी के कारण ऐसा हुआ। मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ ने आरटीआई से इस बारे में जानकारी मांगी थी।

आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच 27.57 लाख लोग बेटिकट यात्रा करते हुए पकड़े गए और उनसे 143.82 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया। वित्त वर्ष 2019-20 में 1.10 करोड़ लोग बेटिकट सफर करते हुए पकड़े गए और उनपर 561.73 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।

रेलवे के प्रवक्ता डी जे नारायण ने बताया, ‘‘बेटिकट या अनधिकृत टिकट के साथ यात्रा करना भारतीय रेलवे के लिए हमेशा से बड़ी चुनौती रही है। ऐसा करने से लोगों को रोकने के लिए रेलवे सूचनाओं का प्रसार करता है और जुर्माना भी लगाया जाता है।’’ वित्त वर्ष 2020-21 में रेलवे ने कोरोना वायरस के कारण इतिहास में सबसे कम ट्रेनों का संचालन किया और रेलवे परिसरों के भीतर आवाजाही के लिए कई सारी पाबंदी लगायी गयी थी। यहां तक कि प्लेटफॉर्म टिकट जारी करने पर भी रोक लगायी गयी थी।

बता दें कि, पिछले साल राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान रेलवे ने राज्य सरकारों के अनुरोध पर श्रमिक ट्रेनों का परिचालन किया था और केवल उन लोगों को ही टिकट दिए गए जिन्हें राज्यों ने मंजूरी दी थी। इसके बाद एक जून से रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया और केवल आईआरसीटीसी वेबसाइट या मोबाइल ऐप से ही टिकट जारी करने की अनुमति दी गयी। प्रतीक्षारत यात्रियों और अनारक्षित यात्रियों को ट्रेनों में सवार होने की अनुमति नहीं थी।

नारायण ने कहा, ‘‘इन निर्देशों के अनुरूप रेलवे परिसरों और ट्रेनों में बेटिकट यात्रियों की पहचान की गयी और सामान्य और विशेष जांच अभियान में जुर्माना वसूला गया।’’ नारायण ने कहा, ‘‘2019-20 की तुलना में 2020-21 में बेटिकट यात्रा के 25 प्रतिशत कम मामले आए। रेलवे द्वारा व्यापक प्रचार प्रसार और अनियमित यात्रा को हतोत्साहित करने के लिए चलाए गए अभियान से ऐसा मुमकिन हुआ।’’ फिलहाल रेलवे हर दिन 809 स्पेशल मेल एक्सप्रेस, 2891 उपनगरीय सेवा, क्लोन के तौर पर 26 स्पेशल ट्रेनों और 403 पैसेंजर ट्रेनों का संचालन कर रहा है।

 

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