अंबाला की दिव्यांग बेटी ने युनम चोटी पर 6111 मीटर की चढ़ाई कर फहराया देश का तिरंगा
अंबाला: अंबाला की दिव्यांग बेटी ईशा ने युनम चोटी पर 6111 मीटर की चढ़ाई कर देश का तिरंगा फहराया है। दिव्यांग बेटी ने शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे पर्वतारोहण अभियान में भाग लिया है। 66 प्रतिभागियों में से युनम चोटी पर तिरंगा फहराने वाले 4 प्रतिभागियों में अंबाला की बेटी ईशा भी शामिल रही है। ईशा ने बचपन में एक हादसे के दौरान अपना हाथ गंवा दिया था।
हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा हाल में ही चलाए सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए पर्वतारोहण अभियान में अंबाला की छात्रा ईशा उन 4 छात्रों में शामिल है, जिन्होंने यूनम चोटी पर देश का झंडा फहराया है। ईशा की इस उपलब्धि से शिक्षा विभाग व उसके अभिभावक काफी खुश हैं। बचपन में एक हादसे के दौरान अपना एक हाथ गंवा चुकी ईशा का कहना है कि वह अब एवरेस्ट चोटी पर चढ़ाई कर देश का नाम रोशन करना चाहती है।
आजादी के 75वें साल को अमृत महोत्सव के रूप में मनाते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा हाल में ही पर्वतारोहण अभियान चलाया गया था। जिसमें 75 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था और हिमाचल प्रदेश की यूनम चोटी पर 75 मीटर का झंडा फहराया गया था। इस कार्यक्रम में अंबाला के सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली दिव्यांग छात्रा ईशा भी गयी थी और खास बात यह है कि 66 प्रतिभागी बच्चों में से जो 4 बच्चे यूनम चोटी पर पहुंचे थे, ईशा भी उन्हीं में से एक है। जानकारी देते हुए जिला परियोजना समन्वयक अधिकारी ने बताया कि ईशा ने अंबाला का नाम रोशन किया है। इस तरह से कार्यक्रमों से बच्चों का हौंसला व विश्वास बढ़ता है।
वहीं यूनम चोटी फतेह करनी वाली छात्रा ईशा का कहना है कि वह इस अभियान का हिस्सा बनकर काफी खुश है। उसे चढ़ाई करते वक्त काफी मुश्किलें सामने आईं लेकिन उसने हौंसला रखते हुए अपना लक्ष्य हासिल किया। अब एवरेस्ट चोटी पर चढ़ाई करना उसका सपना है जिसको अगर सरकार उसकी मदद करें तो वह जरूर पूरा करेगी। ईशा की माता उसकी इस उपलब्धि से काफी खुश है, उनका कहना है कि हम चाहते हैं कि बेटी आगे चलकर देश का नाम रोशन करें ईशा ने बचपन मे एक हादसे के दौरान अपना हाथ खो दिया था। लेकिन हमारी बेटी पढ़ने में काफी होनहार है साथ ही उन्होंने बताया कि घर की माली हालत ठीक नहीं है सरकार को ईशा की पढ़ाई में मदद करनी चाहिए।