श्रीनगर। दक्षिणी कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा की वार्षिक यात्रा बृहस्पतिवार को सामान्य ढंग से संपन्न हो गयी और प्राकृतिक रूप से बर्फ से बने शिवलिंग की इस वर्ष लगभग 3.39 लाख लोगों ने पूजा-अर्चना की। अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को श्रावण पूर्णिमा पर ‘‘छड़ी मुबारक’’ पहुंचने के साथ ही यात्रा समाप्त हो गई। इस वर्ष यात्रा में 16 दिनों की कटौती की गयी थी। उन्होंने बताया कि छड़ी मुबारक के संरक्षक दीपेंद्र गिरि और 20 अन्य पुजारी हेलीकाप्टर से गुफा तक पहुंचे और विधिवत पूजा अर्चना की।
अधिकारियों ने कहा कि यात्रा के समापन पर संरक्षक गिरि और श्रद्धालुओं के एक दल द्वारा छडी मुबारक गुफा तक लायी जाती है। सामान्य रूप से संतों और भक्तों का दल पहलगाम से 42 किलोमीटर की चढ़ाई कर गुफा तक पहुंचता है और चंदनबाड़ी, शेषनाग तथा पंचतरणी में रात्रि विश्राम करता है। इस बार यात्रा एक जुलाई को शुरू हुई थी और 46 दिवसीय यात्रा खराब मौसम के कारण 31 जुलाई को चार दिनों के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
तीन दिनों के बाद सेना ने कहा था कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी यात्रा को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को तत्काल घाटी से हटने को कहा था। उसके बाद यात्रा फिर शुरू नहीं हुई।
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा परामर्श जारी कहा था कि तीर्थयात्री और पर्यटक अपनी यात्रा छोड़कर जल्द से जल्द वापस लौटें। नेशनल कांफ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस परामर्श को अभूतर्पूव बताते हुए कहा था कि इससे घाटी में दहशत पैदा होगी यात्रा स्थगित होने के समय तक लगभग 3.39 लाख तीर्थयत्रियों ने गुफा में पूजा अर्चना की थी। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में यह पहला मौका है जब यात्रा की अवधि में कटौती की गई। पांच अगस्त को सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को हटाने के लिए कदम उठाया और राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन की घोषणा की थी।
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