कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा शुरू, आठ हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
प्रवक्ता ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से यात्रा को रवाना किया। उन्होंने बताया कि यात्रा के पहले दिन 8,403 श्रद्धालुओं ने गुफा मंदिर में पूजा अर्चना की। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘यह यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनो मार्गों से सोमवार को शुरू हुई।
जम्मू/श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार को वार्षिक यात्रा आरंभ हुई और पहले दिन आठ हजार से अधिक लोगों ने पवित्र गुफा के दर्शन किये। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रथम पूजा में भाग लेकर राज्य में शांति के लिए प्रार्थना की। श्रीनगर अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दोनों मार्गों से आज (सोमवार) सुबह यात्रा आरंभ हुई और यात्रियों के पहले जत्थे ने अपने-अपने आधार शिविरों से पवित्र गुफा की ओर प्रस्थान किया।’’
प्रवक्ता ने बताया कि जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से यात्रा को रवाना किया। उन्होंने बताया कि यात्रा के पहले दिन 8,403 श्रद्धालुओं ने गुफा मंदिर में पूजा अर्चना की। प्रवक्ता ने बताया, ‘‘यह यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनो मार्गों से आज शुरू हुई। पवित्र गुफा के लिए बालटाल के रास्ते 6884 यात्रियों का जत्था जबकि पहलगाम के रास्ते 3065 यात्रियों का जत्था रवाना हुआ।’’ अधिकारियों ने बताया कि वार्षिक तीर्थयात्रा के सुचारू संचालन के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के लिए एक मजबूत सुरक्षा स्तर तैयार किया गया है जिसमें वाहनों और तीर्थयात्रियों के उपग्रह और चिप-आधारित ट्रैकिंग शामिल हैं। तीर्थयात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर बलों की तैनाती की गयी है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल एवं श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मलिक ने पवित्र गुफा के दर्शन किए और ‘प्रथम पूजा’ में भाग लिया। उन्होंने बताया कि राज्यपाल के साथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग नरूला भी थे। राज्यपाल ने राज्य में शांति, सद्भावना, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल ने यात्रा के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा की और श्राइन बोर्ड की ओर से राज्य सरकार, सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, राज्य पुलिस और सभी संबंधित एजेंसियों का उनके सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
राज्यपाल ने वार्षिक तीर्थयात्रा को सफल बनाने में योगदान देने के लिए कश्मीर के लोगों की भी प्रशंसा की। उल्लेखनीय है कि 46 दिवसीय यात्रा रक्षा बंधन के दिन 15 अगस्त को सम्पूर्ण होगी । इससे पहले जम्मू में 4,417 यात्रियों का एक जत्था गुफा में दर्शन के लिए रवाना हुआ। देश भर से अब तक 1.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने 46 दिन की इस यात्रा के लिए अपना पंजीकरण कराया है। यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम के 36 किलोमीटर के रास्ते और गंदेरबल जिले में बालटाल के 14 किलोमीटर के रास्ते से होकर गुजरती है।
दूसरे जत्थे में 4,417 तीर्थयात्री हैं जिनमें 3,543 पुरुष, 843 महिलाएं और 31 बच्चे शामिल हैं। पहलगाम और बालटाल के लिए यहां भगवती नगर आधार शिविर से 142 वाहनों का एक काफिला रवाना हुआ। अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा में बसों और मोटर गाड़ियों में सवार होकर 2,800 तीर्थयात्री आधार शिविर से पहलगाम के रास्ते रवाना हुए जबकि बालटाल के लिए 1,617 तीर्थयात्री बसों और हल्के मोटर वाहनों में रवाना हुए। जम्मू से पहला जत्था रविवार को रवाना हुआ था। जम्मू के सीआरपीएफ के महानिरीक्षक ए वी चौहान ने रविवार को कहा था कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए यात्रा मार्ग, आधार शिविर और रूकने वाली जगहों पर सभी आवश्यक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।