नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे किसानों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन के सामाजिक, आर्थिक और सुरक्षा प्रभावों का हवाला देते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील की। अब वह बुधवार को पीएम मोदी से भी मिल सकते हैं। अमरिंदर सिंह के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, सिंह ने पंजाब के सीमावर्ती राज्य होने का हवाला देते हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकी ताकतों से बचाव के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 25 कंपनियां तथा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए ड्रोनरोधी उपकरणों की भी मांग की।
उन्होंने हिंदू मंदिरों, प्रमुख किसान नेताओं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यालयों, आरएसएस-भाजपा के नेताओं को निशाना बनाये जाने की आशंका का भी हवाला दिया। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि कृषि कानूनों ने पंजाब एवं अन्य राज्यों में किसानों के बीच बड़ा असंतोष पैदा किया है, इसलिए इन कानूनों को निरस्त कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने सीमापार की शत्रु शक्तियों द्वारा सरकार के विरूद्ध इस असंतोष एवं नाराजगी का फायदा उठाने की आशंका को लेकर चिंता प्रकट की और किसानों की चिंताओं का शीघ्र हल निकालने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जून, 2020 में जब केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किये थे, तब से ही पंजाब में प्रदर्शन हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वैसे तो ये प्रदर्शन अबतक कमोबेश शांत रहे हैं लेकिन किसी को भी बढ़ते असंतोष का भान हो सकता है, खासकर तब जब राज्य 2022 के प्रारंभ में चुनाव की ओर बढ़ रहा है।’’
सिंह ने कहा कि लंबा आंदोलन न केवल पंजाब की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित कर रहा है बल्कि उसमें उसके सामाजिक तानेबाने पर असर डालने की क्षमता है, खासकर जब राजनीतिक दल एवं संगठन दृढ़ रूख अपनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने शाह से कहा कि सुरक्षा की स्थिति गंभीर है और केंद्र के तत्काल दखल की जरूरत है। उन्होंने इस संदर्भ में हाल में राज्य में हथियारों, हथगोले और देशी बम आने का हवाला दिया एवं कहा कि पाकिस्तान की आईएसआई स्वतंत्रता दिवस और पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ सकती है।
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