नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद और पूर्व मंत्री अमर सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार छतरपुर के श्मशान घाट में हुआ। यहां उनकी दोनों बेटियों दिशा और दृष्टि ने उन्हें मुखाग्नि दी। आपको बता दें कि अमर सिंह (64) का शनिवार को सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनका किडनी से जुड़ी बीमारियों का इलाज चल रहा था। समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता का 2011 में किडनी प्रतिरोपण हुआ था और वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रविवार को एक चार्टर्ड विमान से उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया गया था। इस दौरान उनकी पत्नी पंकजा भी साथ थीं।
आज विभिन्न दलों के नेताओं, परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों ने राज्य सभा सदस्य अमर सिंह को सोमवार को श्रद्धांजलि दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा से राज्यसभा के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया और सिंह को अपना ‘गॉडफादर’ मानने वाली जया प्रदा ने समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता को उनके छतरपुर स्थित फार्महाउस में सबसे पहले पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सिंह की पत्नी पंकजा सिंह और उनकी दोनों बेटियां वहां मौजूद थी।
पीएम मोदी- अमर सिंह ने राजनीति के कुछ बड़े घटनाक्रमों को करीब से देखा था
राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उन्हें ऐसे ऊर्जावान सार्वजनिक व्यक्तित्व की संज्ञा दी जिन्होंने करीब से कुछ बड़े राजनीतिक घटनाक्रमों को देखा था। उन्होंने 2011 में किडनी प्रतिरोपण कराया था और लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अमर सिंह जी ऊर्जावान सार्वजनिक शख्सियत थे। पिछले कुछ दशकों में उन्होंने कुछ बड़े राजनीतिक घटनाक्रमों को करीब से देखा था। वह अनेक वर्गों के लोगों से अपनी मित्रता के लिए भी जाने जाते थे। उनके निधन से दुखी हूं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनके मित्रों और परिवार के प्रति संवेदनाएं। ओम शांति।’’ अमर सिंह ने सपा महासचिव रहते हुए 2008 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार को गिरने से बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। तब वाम दलों ने परमाणु करार के मुद्दे पर संप्रग से समर्थन वापस ले लिया था।
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