नई दिल्ली। सीबीआई ने गुरूवार को कहा कि आलोक वर्मा जांच एजेंसी के निदेशक और राकेश अस्थाना विशेष निदेशक के पद पर बने रहेंगे, जबकि एम नागेश्वर राव को अंतरिम प्रभार दिया गया है। गौरतलब है कि वर्मा और अस्थाना के सारे अधिकार वापस ले लिए गए हैं। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा है कि वर्मा और अस्थाना के सारे अधिकार वापस लेने की केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की सिफारिश के परिप्रेक्ष्य में संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को अंतरिम व्यवस्था के तहत निदेशक के कर्तव्यों और कामकाज को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि आलोक वर्मा सीबीआई के निदेशक के पद पर और राकेश अस्थाना विशेष निदेशक के पद पर बने रहेंगे। वहीं, आरोप - प्रत्यारोप की सीवीसी द्वारा जांच किए जाने तक अंतरिम अवधि के दौरान एम नागेश्वर राव निदेशक का कामकाज संभालेंगे। सीबीआई में वर्मा और अस्थाना की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर सीबीआई प्रवक्ता का यह जवाब आया है। उन्होंने मीडिया के एक धड़े में आई उन खबरों को झूठा करार दिया, जिनमें यह कहा गया है कि सात फाइलें हटा दी गई हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि यह झूठी खबर है। इसे निहित हितों ने गढ़ा है। सीबीआई में प्रत्येक स्तर पर हर फाइल का रिकार्ड रखा जाता है। मीडिया में आ रही इन खबरों का जांच एजेंसी की विश्वसनीयता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। सीबीआई अंतरराष्ट्रीय स्तरों पर मुकदमे लड़ रही है। विश्वसनीयता पर दाग नहीं लगना चाहिए। सरकार ने मंगलवार रात वर्मा और उनके कनिष्ठ अधिकारी अस्थाना, के सारे अधिकार वापस ले लिए और उन्हें छुट्टी पर भेज दिया । सीबीआई के 55 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
इस बीच, वर्मा ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उन्होंने सरकार के फैसले को चुनौती दी । शीर्ष न्यायालय उनकी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए राजी हुआ है।
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