नई दिल्ली: 18 मई 1974, ये तारीख भारत के इतिहास की खास तारीखों में से एक हैं। इसी दिन भारत ने पहली बार दुनिया में परमाणु शक्ति के तौर पर पहचान हासिल की थी। भारत में 18 मई 1974 को राजस्थान के जैसलमेर से करीब 140 किमी दूर एक गांव के सूखे कुए में परमाणु परीक्षण किया और दुनिया को बताया कि भारत भी परमाणु शक्ति वाला देश हैं। ये परमाणु परीक्षण पोखरण के मलका गांव के एक सूखे कुए में किया गया था।
इस परीक्षण को ‘स्माइलिंग बुद्धा’ का नाम दिया गया था। यह पहला मौका था जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों के अलावा किसी और देश ने परमाणु परीक्षण करने का साहस किया। इस परीक्षण की प्रस्तावना वर्ष 1972 में लिखी गई, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री और भारत की लौह महिला इंदिरा गांधी ने भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (बीएआरसी) का दौरा किया और वहां के वैज्ञानिकों से बातों ही बातों में उन्हें परमाणु परीक्षण के लिए संयंत्र बनाने की इजाजत दे डाली।
18 मई 1974, जब ये परमाणु परीक्षण किया था उस दिन बुद्ध पूर्णिमा थी और आज 45 साल बाद भी 18 मई को बुद्ध पूर्णिमा ही है, इसे अपने आप में एक सहयोग ही माना जा सकता है। उस वक्त मलका गांव के जिस सूखे कुएं में पहला परमाणु परीक्षण किया गया था, वहां पर एक बड़ा गड्ढा और उभरी हुई जमीन आज भी उन गौरवशाली पलों की कहानियां बयां करती है। मौजूदा वक्त में परीक्षण वाली जगह के चारों तरफ फेंसिंग लगी है। सेना ने परीक्षण के पास करीब 500 मीटर के घेरे पर तारबंदी लगा रखी है।
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