ADR रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ और राजस्थान के सभी मंत्री करोड़पति, आपराधिक छवि वालों की भी नहीं है कमी
छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट के सभी 12 मंत्री और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता वाली राजस्थान मंत्रिपरिषद के सभी 25 मंत्री करोड़पति हैं।
रायपुर/जयपुर: छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट के सभी 12 मंत्री और राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता वाली राजस्थान मंत्रिपरिषद के सभी 25 मंत्री करोड़पति हैं। चुनाव निगरानी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक, बघेल सहित छत्तीसगढ़ के दो मंत्री और गहलोत की मंत्री परिषद के नौ मंत्रियों ने आपराधिक मामलों का सामना किया है।
छत्तीसगढ़ के सभी कैबिनेट मंत्रियों की औसत संपत्ति 47.13 करोड़ दर्ज की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) की 2013 वाली सरकार में कैबिनेट मंत्रियों की औसत संपत्ति 3.04 करोड़ रुपये थी। सिंह की कैबिनेट के 12 मंत्रियों में से 11 करोड़पति थे। जबकि 2008 कैबिनेट की औसत संपत्ति 0.81 करोड़ रुपये थी और 13 मंत्रियों में से केवल चार ने अपनी संपत्ति एक करोड़ से अधिक होने की घोषणा की थी।
जनजातीय बहुल वाले राज्य में सबसे अमीर मंत्री हैं टी.एस. सिंह देव, जिनकी संपत्ति 500 करोड़ से अधिक है, जिसके बाद मुख्यमंत्री बघेल का नंबर है, जिनके पास 23 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। बात करें आपराधिक पृष्ठभूमि की तो कोरबा के विधायक जयसिंह अग्रवाल और बघेल ने आपराधिक मामलों का सामना किया है, जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी और दंगा भड़काने का आरोप शामिल है। 2008 और 2013 की तरह वर्तमान में भी एकमात्र महिला मंत्री है।
राजस्थान में 25 मंत्रियों की औसत संपत्ति 15.48 करोड़ रुपये है, जिनमें से निम्बाहेड़ा के विधायक व सहकारिता मंत्री उदय लाल अंजाना सबसे अमीर हैं। उनके पास 107 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। 2013 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कैबिनेट मंत्रियों की औसत संपत्ति 4.62 करोड़ रुपये थी। वसुंधरा की कैबिनेट के 23 मंत्रियों में से 22 करोड़पति थे।
बात करें आपराधिक पृष्ठभूमि की तो राजस्थान के नौ मंत्रियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामलों की घोषणा की है। इनमें उद्योग मंत्री प्रसादी लाल (हत्या), युवा एवं खेल मंत्री अशोक चांदना (हत्या का प्रयास) जैसे आरोपों का सामना कर रहे हैं। राजे कैबिनेट में चार महिला मंत्री थी जबकि गहलोत की मंत्रिपरिषद में केवल एक महिला मंत्री शामिल हैं।
बघेल ने मंगलवार को नौ नए मंत्रियों को जगह देकर कैबिनेट में विस्तार किया था। मौजूदा कैबिनेट की संख्या 12 हो गई है जबकि गहलोत ने सोमवार को 23 नए मंत्रियों को शामिल कर अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया था।