नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि किसी भी सोशल मीडिया मंच के एल्गोरिदम से भारतीयों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए और इंटरनेट की बदलती प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने के लिए कानून एवं न्यायशास्त्र को लगातार बदलने की जरूरत होगी। सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री की टिप्पणी फेसबुक के सिस्टम और एल्गोरिदम द्वारा नफरतपूर्ण सामग्री और फर्जी खबरों को बढ़ावा देने के आरोपों के बीच आयी है। हाल ही में व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन के खुलासे ने दुनिया भर में इन चिंताओं को जन्म दिया है कि फेसबुक ने कथित तौर पर अपने मुनाफे को सार्वजनिक हित पर तरजीह दी।
यह पूछे जाने पर कि व्हिसलब्लोअर द्वारा लगाए गए आरोपों की पृष्ठभूमि में भारत सरकार क्या कार्रवाई करेगी?, चंद्रशेखर ने कहा कि ऐसे एल्गोरिदम हैं जो मानवीय हस्तक्षेप की जगह ले रहे हैं और उनके नाकाम होने की गुंजाइश भी ज्यादा है। चंद्रशेखर ने कहा, "हम समझते हैं कि ऐसे एल्गोरिदम हैं जो मानवीय हस्तक्षेप की जगह ले रहे हैं और उन एल्गोरिदम के नाकाम होने की गुंजाइश भी ज्यादा है, जो शायद एक गैरइरादतन नाकामी हो या यह जानबूझकर किया गया पूर्वाग्रह भी हो सकता है। इन मंचों द्वारा ऐसे एल्गोरिदम तैयार करने की जरूरत है जो हमारे भारतीय नागरिकों के अनुच्छेद 14 (गैर-भेदभाव), अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की आजादी) और अनुच्छेद 21 (निजता का अधिकार) के अधिकारों का उल्लंघन ना करें।"
चंद्रशेखर ने कहा, ये भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकार हैं और "किसी भी मंच का कोई भी एल्गोरिदम इसका उल्लंघन करने में सक्षम ना हो, जिससे हम वाफिक हैं।" यह देखते हुए कि सरकार एल्गोरिथम संबंधी पूर्वाग्रह के मुद्दों से पूरी तरह अवगत है, चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें इसके बारे में व्यक्तिगत रूप से जानकारी थी और उन्होंने 2019 में संसद में भी इसके बारे में बात की थी। मंत्री ने कहा ऑनलाइन क्षेत्र में हर दिन "उपयोगकर्ता को नुकसान पहुंचाने वाले कई मुद्दे" सामने आते हैं, और "हमारे कानूनों और न्यायशास्त्र को लगातार बदलते रहने और इंटरनेट की बदलती प्रकृति और अच्छी एवं बुरी चीजों, सभी के साथ तालमेल बनाए रखने की जरूरत है।"
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