मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 5380 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है। इस फैसले के लिए सरकार ने एक मीटिंग की। मीटिंग की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। लेकिन, इस मीटिंग में महाराष्ट्र की सियासत में मचे घमासान की झलक साफ दिखी। दरअसल, मीटिंग में उपमुख्यमंत्री अजित पवार नहीं पहुंचे। उनके लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी के बराबर में कुर्सी डाली गई, जो खाली नजर आई।
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार को लेकर सियासी ड्रामे जारी है। शनिवार को देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद NCP, शिवसेना और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट मामले में मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगा। सोमवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि "महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे को लेकर शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर मंगलवार को आदेश सुनाया जायेगा।"
राज्य में राजनीतिक हलके में अनिश्चितता बढ़ गयी है क्योंकि केन्द्र ने सोमवार को भी यही दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिये भाजपा को राकांपा के 54 विधायकों का समर्थन था। हालांकि, केन्द्र ने न्यायालय से अनुरोध किया कि राज्यपाल के फैसले के खिलाफ याचिका पर जवाब देने के लिये उसे दो तीन दिन का वक्त दिया जाए। अब ऐसे में महाराष्ट्र सरकार की बैठक से उपमुख्यमंत्री की कुर्सी खाली रहने की तस्वीर महाराष्ट्र की सिसायत में एक और मौड़ की ओर इशारा करती दिख रही है।
महाराष्ट्र सरकार की बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बराबर में ही अजित पवार के लिए कुर्सी लगाई गई थी। लेकिन, वह मीटिंग में नहीं पहुंचे और कुर्सी खाली रही।
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