नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार को आईबीएसए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की एक उद्घाटन बैठक की मेजबानी की। विदेश मंत्रालय ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस बैठक में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। सुरक्षा सलाहकारों ने सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद, विशेष रूप से, राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद मौजूदा वक्त में वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है और इसे एकजुट प्रयासों के माध्यम से लड़ा जाना चाहिए।
इस दौरान वे खुफिया जानकारी साझा करने, संबंधित राष्ट्रीय एजेंसियों के बीच आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए। बैठक में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में क्षमता निर्माण की दिशा में एक दूसरे का सहयोग करने पर बल दिया गया। तीनों देशों के प्रतिनिधि साइबर सुरक्षा में व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए और साइबर सुरक्षा पर विशेषज्ञ समूह की बैठक आयोजित करने के भारत के प्रस्ताव को स्वीकार किया।
यह बैठक अगले आईबीएसए नेताओं के शिखर सम्मेलन की तैयारियों की प्रक्रिया के रूप में बुलाई गई थी। आईबीएसए नेताओं का शिखर सम्मेलन भारत की अध्यक्षता में होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाले इस शिखर सम्मेलन की थीम 'जनसांख्यिकी और विकास के लिए लोकतंत्र' है।
जारी बयान में कहा गया है कि आईबीएसए देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की यह पहली ऐसी बैठक थी जो दुनिया में बढ़ती राजनीतिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग की अहमियत को दर्शाती है। मालूम हो कि इस मंच के भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका तीन बड़े विकासशील और सदस्य देश हैं जो तीन अलग-अलग महाद्वीपों में मौजूद हैं और लोकतंत्र और बहुलवाद के समान मूल्यों से बंधे हुए हैं। ये सभी समुद्री राष्ट्र भी हैं।
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