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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली में प्रदूषण का कहर, IGI और द्वारका में AQI 930 के करीब पहुंचा; हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

दिल्ली में प्रदूषण का कहर, IGI और द्वारका में AQI 930 के करीब पहुंचा; हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

दिल्ली-एनसीआर को स्मॉग की चादर ने ढक रखा है। नवंबर महीने में दिल्ली में हवा की क्वालिटी साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुकी है। स्कूल कॉलेज आज भी बंद हैं। हालात बेकाबू होता देख दिल्ली हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा।

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नई दिल्ली: ​दिल्ली-एनसीआर में आज लगातार पांचवें दिन प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली के द्वारका और इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के इलाके में एक्यूआई 930 दर्ज किया गया है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में प्रदूषण का स्तर 700 के आसपास है जबकि गुरुग्राम में एक्यूआई  800 के पार पहुंच गया है। इनके अलावा नोएडा और गाजियाबाद में भी औसत एक्यूआई 500 के आसपास है। दिल्ली एनसीआर में इस बढ़े प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली एक बड़ी वजह है तो दूसरी वजह दिल्ली एनसीआर में हवा की कम रफ्तार है। बढ़े प्रदूषण की वजह से पहले ही सभी स्कूल-कॉलेजों को आज तक के लिए बंद रखा गया है।

हालात बेकाबू होता देख दिल्ली हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा। पॉल्यूशन से निपटने के उपायों में लापरवाही बरतने के लिए दिल्ली सरकार और नगर निगम को फटकार लगानी पड़ी और इस सबका खामियाजा सिर्फ आप नहीं, आपके बच्चे भी भुगत रहे हैं।​ लापरवाही चाहे दिल्ली सरकार की हो, हरियाणा और पंजाब सरकार की हो खामियाजा अब बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। पिछले पंद्रह दिनों में दूसरी बार दिल्ली एनसीआर में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा है। आज भी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। स्कूल-कॉलेज बंद हैं तो बच्चों को उनकी पढ़ाई का नुकसान तो हो ही रहा है बल्कि जहरीली हवा उनके कल को भी बीमार बना रही है। 

बच्चों की आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें बढ़ने लगी है। पेरेंट्स भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। डॉक्टरों की मानें तो नवंबर महीने में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से बच्चों में सांस की परेशानी के मामले काफी बढ़ गए हैं। दिल्ली एनसीआर में नवंबर का महीना इस साल का सबसे प्रदूषित महीना बन चुका है। इस हफ्ते आज लगातार पांचवें दिन दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्ट सीवियर यानी खतरनाक कैटेगरी में है।

दिल्ली में प्रदूषण से बिगड़ती हालत पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा 2015 के बाद से पॉल्यूशन लगातार बढ़ता जा रहा है। कोर्ट ने इसकी रोकथाम को लेकर बार-बार गाइडलाइन्स बनाई लेकिन उन्हें फॉलो नहीं किया गया। इसी का नतीजा है कि आज दिल्ली में पॉल्यूशन इतनी बड़ी प्रॉब्लम बन चुका है।

कोर्ट ने ये भी कहा कि जनवरी तक किसी भी कंस्ट्रक्शन को तोड़ने पर रोक लगाने को कहा गया था। यहां तक कि टूटे हुए ढांचों के मलबे को ढंककर उसपर पानी डालने को कहा गया था लेकिन आदेश का ठीक से पालन नहीं किया गया। नतीजा हम सबके सामने है। दिल्ली-एनसीआर के लोग प्रदूषण से परेशान हैं।

आधी रात के बाद नोएडा में एक्यूआई का लेवल 844 तक पहुंच गया। द्वारका में एक्यूआई 700 के आसपास पहुंच गया। आनंद विहार में एक्यूआई का लेवल 676 और नेहरू स्टेडियम के पास भी एक्यूआई 641 पर पहुंच गया था। 

वैसे गुरुवार को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में औसत एक्यूआई की बात करें तो ये 544 रहा। यानी ये भी खतरनाक कैटेगरी में ही था जिसका नतीजा ये है कि दिल्ली के अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में धुंआ उगलने वाली फैक्ट्रियां अगले आदेश तक बंद हैं।

मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में हवा की रफ्तार बढ़ने पर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का असर कम हो सकता है। डॉक्टर दिल्ली वालों को मॉर्निंग वॉक पर निकलने से बचने और पॉल्यूशन मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं।

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