नई दिल्ली: सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के सरकार पर करीब 600 करोड़ रुपये बकाया हैं। कई मंत्रालयों ने वीवीआईपी सफर का बकाया भुगतान अब तक विमानन कंपनी को नहीं किया है। बकाया राशि का मसला नागरिक विमानन मंत्रालय ने कई मंत्रालयों के समक्ष उठाया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गृह और विदेश समेत अन्य मंत्रालयों पर 31 मार्च तक एयर इंडिया के 500-600 करोड़ रुपये बकाया थे। एक सूत्र के मुताबिक, वीवीआईपी सफर के लिए विमानों के इस्तेमाल के चलते यह देनदारी सरकार पर बकाया है। मालूम हो कि घाटे में चल रही एयर इंडिया वर्ष 2012 से ही बेलआउट पैकेज पर जी रही है।
अप्रैल 2012 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने कुछ शर्तों के साथ एयरइंडिया की कायापलट के लिए 30231 करोड़ रुपये की राशि करीब नौ वर्ष की अवधि में देने की घोषणा की थी। करीब 40 हजार के कर्ज के बाद भी एयरलाइन ने वित्त वर्ष 2014 में 5388 करोड़ का घाटा दिखाया था।
सूत्रों के मुताबिक, करीब 100 सांसदों ने नागरिक विमान मंत्रालय को खत लिखकर पिछले छह माह के दौरान हवाई किराये में हुई बढ़ोतरी पर चिंता जताई है। यही नहीं इनमें से ज्यादातर सांसद ने हवाई किराए की सरकार द्वारा निगरानी करने का पक्ष लिया है।
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