भारतीय पायलट ने किया कमाल, खराब मौसम और ईंधन खत्म होने के बाद भी बचा ली 370 जान
एयर इंडिया का बोइंग 777 प्लेन नई दिल्ली से न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ था। एअर इंडिया का ये विमान दुनिया की सबसे लंबी डायरेक्ट उड़ानों में से एक है।
नई दिल्ली: एअर इंडिया की एक इंटरनेशनल फ्लाइट के पायलट के लिए 11 सितंबर का दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं था। विमान अमेरिका के आसमान में उड़ रहा था तभी उड़ान के दौरान विमान में तकनीकी खराबी आ गई, मौसम खराब हो गया और फ्यूल भी खत्म होने लगा। हवा में उड़ते यात्रियों से खचाखच भरे प्लेन से जैसे ही ये सूचना अमेरिकी एयरपोर्ट प्रशासन को मिली वहां हड़कंप मच गया।
एयर इंडिया का बोइंग 777 प्लेन नई दिल्ली से न्यूयॉर्क के जॉन एफ केनेडी हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ था। एअर इंडिया का ये विमान दुनिया की सबसे लंबी डायरेक्ट उड़ानों में से एक है। इस विमान में शुरुआती 15 घंटे बिना किसी परेशानी के गुजरे लेकिन इसके बाद के 38 मिनट जो थे उसने हर किसी को हिला कर रख दिया था।
इस प्लेन में लैंडिंग से पहले तकनीकि खराबी आ गई थी जिसकी वजह से लैंडिंग में इस्तेमाल होने वाले कई उपकरणों ने काम करना बंद कर दिया था। विमान के पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग के लिए अमेरिका के जॉन एफ कैनेडी एयरपोर्ट के अधिकारियों से इजाजत मांगी लेकिन खराब मौसम का हवाला देते हुए एयरपोर्ट प्रशासन ने विमान को लैंडिग की इजाजत नहीं दी।
गुजरते वक्त के साथ मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं। पायलट के पास एक ही रास्ता बचा था और वो था रेडियो अल्टिमीटर और ट्रैफिक कोलिज़न का इस्तेमाल। इतना ही नहीं पायलट को इस दौरान सिस्टम फेलियर से भी बचने की कोशिश करनी थी क्योंकि धीरे-धीरे कॉकपिट की हर मशीन बंद पड़ती जा रही थी।
ऑटो लैंड, विंडशियर सिस्टम, ऑटो स्पीड ब्रेक और ऑग्जिलरी पॉवर यूनिट्स ने भी काम करना बंद कर दिया था। इसका मतलब था कि प्लेन को मैनुअली लैंड कराना पड़ता क्योंकि लैंडिंग में मदद के लिए बनाया गया हर सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका था।
एक तो खराब मौसम और उस पर से प्लेन के कॉपिट में तकनीकी गड़बड़ी। जो हालात थे उनमें पायलट के लिए ये लगभग नामुमकिन हो गया था कि वो जॉन एफ केनेडी एयरपोर्ट पर प्लेन को लैंड करवा पाते इसलिए उन्होंने न्यूयार्क में प्लेन की लैंडिंग कराने का फैसला किया। करीब 15 घंटे की नॉनस्टॉप उड़ान के बाद विमान में इंधन भी काफी कम बचा था।
ऐसे में पायलट ने प्लेन को अमेरिका के न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर उतारने का फैसला किया और लैंडिग सिस्टम में खराबी के बावजूद नेविगेशन सिस्टम की मदद से प्लेन को सही सलामत एयरपोर्ट पर उतार दिया। 38 मिनट तक विमान हवा में यूं ही मंडराता रहा लेकिन इसके बाद जब विमान रनवे पर उतरा तो दिल्ली से न्यूयॉर्क तक लोगों ने राहत की सांस ली। हर तरफ पायलट की तारीफ हो रही हैं क्योंकि जिस तरीके से विमान को रनवे पर उतारा गया, उसकी ट्रेनिंग तक नहीं दी गई थी।