नई दिल्ली: वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि रूस के साथ भारत के एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे में ‘‘सरकारी गारंटी’’ नहीं है क्योंकि रूस और अमेरिका जैसे देशों के साथ अंतरसरकारी समझौतों की प्रक्रिया पहले से ‘‘सुचारू ढंग से’’ जारी है। अधिकारी ने ये बयान ऐसे समय दिया जब मीडिया में आई एक खबर को लेकर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।
खबर में कहा गया है कि फ्रांस के साथ विवादित राफेल लड़ाकू विमान सौदे में सरकारी गारंटी और भ्रष्टाचार रोधी जुर्माने से संबंधित कुछ अहम उपबंध कथित रूप से हटाकर भारत सरकार द्वारा इसमें छूट दी गई है। विपक्षी दलों ने इन प्रावधानों को हटाने पर सवाल खड़े किए हैं जबकि सत्तारूढ़ भाजपा और सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया है।
इस सप्ताह पोखरण रेंज में ‘वायु शक्ति 2019’ कार्यक्रम को लेकर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में एयर मार्शल वी आर चौधरी ने कहा, ‘‘रूस के साथ एस-400 सौदे में कोई सरकारी गारंटी नहीं है।’’ वायुसेना के वाइस एयर चीफ मार्शल अनिल खोसला ने कहा, ‘‘हम रूस और अमेरिका से पहले भी कई हथियार खरीद चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के साथ अंतरसरकारी समझौते की प्रक्रिया पहले से ही सुचारू ढंग से जारी है। अन्य देशों के साथ हो सकता है ये पहले से जारी नहीं हो क्योंकि हो सकता है कि उनके साथ अंतरसरकारी समझौता पहला हो या बस शुरू ही हुआ हो।
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