नयी दिल्ली: एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रही। एक वरिष्ठ डॉक्टर द्वारा एक रेजिडेंट डॉक्टर को थप्पड़ मारे जाने से नाराज डॉक्टर हड़ताल पर जा चुके हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के कारण फैकल्टी सदस्यों ने एक व्यक्ति के अंगों का दूसरे मरीजों में प्रतिरोपण करने के लिए ट्रामा सेंटर में रात भर काम किया। एम्स ट्रामा सेंटर के प्रमुख राजेश मल्होत्रा ने कहा कि नोएडा एक्सप्रेसवे पर हादसे के बाद 18 वर्षीय युवक को गुरूवार को ट्रामा सेंटर लाया गया था। इसी दिन रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर गए थे। मल्होत्रा ने बताया कि व्यक्ति के सिर में बहुत चोटें आयी थी और उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
इसके बाद उसके पिता से पूछा गया कि क्या वह अपने बेटे के अंगों को दान करना चाहते हैं जिस पर उन्होंने सहमति दे दी और इसके बाद संबंधित विभाग के डॉक्टर काम पर लग गए। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की हड़ताल के बीच कल शाम छह बजे प्रक्रिया शुरू हुई और रात तक दिल के एक मरीज का हृदय प्रतिरोपण किया गया। दो मरीजों में किडनी का प्रतिरोपण किया गया और उसके लीवर को दो अस्पतालों में दो मरीजों को दे दिया गया। युवक के परिवार ने उसकी हड्डियां भी ऑर्थोपेडिक दल को देने की मंजूरी दे दी।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘अर्जुन ने अंग प्रतिरोपण का इंतजार कर रहे सात अलग-अलग मरीजों को जीवन दिया और मौत के बाद भी उसकी जिंदगी चल रही है।’’ इस बीच, हड़ताल के कारण अस्पताल में तीसरे दिन भी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हैं। रेजिडेंट डॉक्टर थप्पड़ मारने वाले वरिष्ठ डॉक्टर को निलंबित करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
हड़ताल के कारण सामान्य सर्जरी टाल दी गई है और ओपीडी में आ रहे मरीजों को वापस भेजा गया। केवल आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं चल रही हैं। एम्स में एक विभाग का नेतृत्व करने वाले वरिष्ठ डॉक्टर ने रेजिडेंट डॉक्टर को थप्पड़ मारने के लिए लिखित में माफी मांगी है और वह आंतरिक जांच समिति के निर्देशों पर छुट्टी पर चले गए हैं।
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