नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होने की आशंकाओं के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। दरअसल, देश में तेजी से बच्चों के लिए वैक्सीन पर काम चल रहा है। इसी कड़ी में, भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) का बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल प्रक्रिया तेज कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, पटना AIIMS के बाद अब दिल्ली के AIIMS में भी कोवैक्सिन (Covaxin) का बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल प्रक्रिया शुरू होने वाली है। सूत्रों ने बताया कि यह ट्रायल प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो सकती है। समाचार एजेंसी ANI ने ट्वीट किया, "सूत्र- पटना एम्स के बाद दिल्ली एम्स कल से बच्चों पर कोवैक्सिन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए स्क्रीनिंग शुरू करेगा।"
चीन ने तीन साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोनावैक टीके देने को मंजूरी दी
चीन ने तीन साल से 17 साल के बच्चों के लिए चीनी कंपनी सिनोवैक द्वारा निर्मित कोविड-19 रोधी टीके कोरोनावैक के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। सिनोवैक के अध्यक्ष यीन वेईदोंग ने इस बारे में बताया। सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने रविवार को बेईदोंग के हवाले से बताया, ‘‘टीका का आपात इस्तेमाल शुरू होने पर फैसला किया जाएगा कि किस उम्र समूह से इसकी शुरुआत की जाए।’’
सिनोवैक ने क्लीनिकल अध्ययन के पहले और दूसरे चरण को पूरा कर लिया और इस उम्र के सैकड़ों लोगों पर टीके का इस्तेमाल किया। प्रयोग से साबित हुआ कि टीका वयस्कों के लिए सुरक्षित और प्रभावी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक जून को चीन के दूसरे कोविड-19 रोधी टीके सिनोवैक को मंजूरी दे दी।
इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने चीन के सिनोफार्म को भी मंजूरी दी थी। चीन अपने देश में टीकाकरण के साथ टीका नीति के तहत कई देशों को टीके का निर्यात कर रहा है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि रविवार तक चीन में 76.3 करोड़ खुराकें दी गयी हैं।
चीन अपने यहां आपात इस्तेमाल के लिए पांच टीकों को मंजूरी दे चुका है। चीन ने डब्ल्यूएचओ के सहयोग से चलायी जा रही ‘कोवैक्स’ पहल के लिए भी एक करोड़ खुराकें देने का प्रस्ताव दिया है।
Latest India News