नई दिल्ली।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ संस्थान के परिसर में किसी भी तरह का प्रदर्शन करने या हड़ताल करने को लेकर छात्रों, रेजिडेंट डॉक्टरों और संकाय सदस्यों तथा स्टाफ को बृहस्पतिवार को चेतावनी दी। एम्स प्रशासन ने बृहस्पतिवार को जारी किए गए मेमो में चेतावनी दी है कि किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक और अन्य कार्रवाई की जाएगी। सीएए और एनआरसी के खिलाफ एम्स के जेएलएन सभागार के सामने मोमबत्ती मार्च और कविता पाठ का आयोजन होना है।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने किसी भी तरह के प्रदर्शन का आह्वान करने से इनकार किया है। इस मेमो में 20 मई 2002 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला दिया गया है। इसमें कर्मचारियों और संकाय सदस्यों को काम बंद नहीं करने और ऐसा करने के लिए दूसरों को नहीं उकसाने की भी हिदायत दी है। मेमो में परिसर के अंदर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करने और नारेबाज़ी, प्रदर्शन तथा धरना नहीं देने की भी हिदायत दी गई है।
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