लाहौर। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन की पृष्ठभूमि में अपने खिलाफ नफरत भरा अभियान चलाने के लिए सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री आजम स्वाति की आलोचना की। अहमदिया समुदाय को 1974 में एक संवैधानिक संशोधन के माध्यम से पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम घोषित किया गया था। एक दशक बाद उन्हें खुद को मुसलमान कहने से रोक दिया गया। पाकिस्तान में समुदाय के सदस्यों को अकसर निशाना बनाया जाता है जिनमें उन पर आतंकी हमले भी शामिल हैं।
पिछले सप्ताह एक निजी टीवी चैनल पर शो के दौरान स्वाति ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री इमरान खान दोनों ‘‘कादियानियत पर लानत भेजते हैं’’। अहमदिया समुदाय के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने सोमवार को यहां एक बयान में कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री खान से पूछते हैं कि क्या यह पाकिस्तान सरकार का आधिकारिक नजरिया है?’’
उन्होंने प्रधानमंत्री खान से इस मुद्दे पर रुख साफ करने को कहा। सोशल मीडिया पर इस तरह की अटकलें हैं कि खान ने अहमदिया समुदाय को सुविधा देने के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोला है क्योंकि उनका पवित्र स्थल तथा अहमदिया आंदोलन के संस्थापक मिर्जा गुलाम अहमद का जन्मस्थान कादियान उस कॉरिडोर से भारत में कुछ किलोमीटर दूर स्थित है। करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब में गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ता है।
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