नयी दिल्ली: कुछ खास ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने की कवायद के तहत रेलवे ने फैसला किया है कि अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल तेजस एक्सप्रेस और दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस का परिचालन प्रयोगात्मक मामलों के रूप में आईआरसीटीसी को सौंपा जाएगा। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन ट्रेनों का किराया मांग आधारित होगा और इसे आईआरसीटीसी तय करेगा।
पायलट परियोजना के रूप में दो ट्रेनों को तीन साल की अवधि के लिए रेलवे की पर्यटन और खानपान शाखा को सौंपने के वास्ते रेलवे बोर्ड द्वारा तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के अनुसार इन ट्रेनों में कोई छूट, विशेषाधिकार या ड्यूटी पास की अनुमति नहीं दी जाएगी। रेलवे ने यह भी कहा कि आईआरसीटीसी को सौंपी गई ट्रेनों में टिकट जांच का कार्य रेलवे स्टाफ द्वारा नहीं किया जाएगा। हालांकि, इसने कहा कि उक्त ट्रेनों का एक अलग तरह का नंबर होगा और इन्हें रेलवे स्टाफ-लोको, पायलट, गार्ड और स्टेशन मास्टर द्वारा परिचालित किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि इन दोनों ट्रेनों की सेवाएं शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों जैसी ही होंगी और इन्हें उसी तरह की प्राथमिकता दी जाएगी। विश्वस्तरीय यात्री सेवा उपलब्ध कराने के लिए निजी परिचालकों को लाने का प्रस्ताव रेलवे द्वारा इसकी 100 दिन की योजना में लाया गया था। सूत्रों ने कहा कि दो तेजस ट्रेन आईआरसीटीसी को सौंपना उस दिशा में पहला कदम है।
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