नई दिल्ली: आज भारतीय वायुसेना की ताकत में उस वक्त और इज़ाफा हो गया जब दुनिया का सबसे खतरनाक माने जाने वाले अमेरिकी एडवांस मल्टी रोल हेलीकॉप्टर अपाचे की पहली खेप भारत पहुंची। 4 अपाचे हेलीकॉप्टर आज ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के ज़रिए गाज़ियाबाद के हिंडन एयरबेस पर पहुंचे। हिंडन एयरबेस पर अपाचे हेलीकॉप्टर में कुछ ज़रूरी उपकरण लगाएं जाएंगे जिसके बाद इन्हें पठानकोट एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।
इसके पहले कमांडिंग अफसर ग्रुप कैप्टन एम शायलू होंगे। पठानकोट में पहले से ही तैनात वायुसेना की 125 हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन (125 H SQUADRON) फिलहाल MI -35 हेलीकॉप्टर्स उड़ाती है और अब ये देश की पहली अपाचे स्क्वाड्रन होगी। दूसरी स्क्वाड्रन असम के जोरहाट में तैनात होगी। संभावना है कि 2020 तक सभी अपाचे भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे।
अगस्त में इस अटैक हेलीकॉप्टर को आधिकारिक तौर पर एयरफोर्स में शामिल कर लिया जाएगा। भारतीय वायु सेना बोइंग से इन हेलीकॉप्टरों को खरीद रही है। एयर फोर्स में ये हेलीकॉप्टर तीन दशक पुराने MI-35 हेलीकॉप्टर की जगह लेंगे।
टू सीटर इस हेलीकॉप्टर में हेलीफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हुई हैं। साथ ही इसमें एक सेंसर भी लगा है जिसकी वजह से रात में भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकने वाले इस हेलीकॉप्टर में 30 मिलीमीटर की दो गन लगी हुई हैं।
हेलफ़ायर मिसाइल के बारे में माना जाता है कि इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह करने के लिए काफ़ी है। अतिरिक्त हथियार के तौर पर हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट लगा होता है जो ज़मीन के किसी निशाने पर अचूक वार करता है। अपाचे 150 नॉटिकल मील की रफ्तार से उड़ान भर सकता है जो इसे हवा में जबरदस्त रफ्तार से दुश्मन के पास जाने में मदद करता है।
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