शिकंजे में VVIP हेलिकॉप्टर घोटाले का बिचौलिया मिशेल अब खोलेगा राज!
यह सौदा यूपीए सरकार के समय हुआ था जिसके तहत 12 लग्जरी हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे जिनका इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे वीवीआईपी लोगों के लिए होना था। क्रिश्चियन मिशेल उन इस सौदे में शामिल तीन बिचौलियों में से एक है।
नई दिल्ली: सीबीआई को उस वक्त बड़ी कामयाबी हाथ लगी जब अगस्तावेस्टलैंड चॉपर डील के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को गिरफ्तार कर दुबई से भारत लाया गया। क्रिश्चियन मिशेल को लंबी कवायद के बाद सीबीआई दुबई से दिल्ली लाने में कामयाब रही। आज से ही मिशेल से सीबीआई ने पूछताछ शुरू कर दी गई है। इसके लिए ज्वाइंट डायरेक्टर रैंक के अधिकारी के नतृत्व में एक टीम तैयार की गई है।
सीबीआई टीम के हाथ क्रिस्चियन मिशेल का हैंड रिटेन प्रपोजल लगा है जिसमें उसने ऑगस्ता वेस्टलैंड की डील कराने में होने वाले खर्चे का ब्यौरा दिया है। ये कागज़ दूसरे बिचौलिये हेशगे के घर से इटली पुलिस को तलाशी के दौरान मिला था। हेशगे ने बताया था कि ये प्रपोजल क्रिस्चियन मिशेल ने उसे दिया था। इस कागज़ में पहले AF लिखा है जिसका मतलब है मतलब एयरफोर्स, दूसरे में BUR यानी बीयूरोकेट्स, तीसरे में POL यानी पॉलिटिशियन्स और चौथे में FARN यानी फ्रेंड्स है।
इस प्रपोजल में कुल खर्चा 30 मिलियन यूरो दिखाया गया है। ये पैसा रिश्वत देने के लिए मिशेल के एकाउंट में ट्रांसफर भी हुआ था। ये ही वो कागज़ है जिसको सब डायरी बोल रहे है। सीबीआई अब ये पता लगाने की कोशिश करेगी कि किन किन लोगों को 30 मिलियन यूरो रिश्वत दी गई है।
यह सौदा यूपीए सरकार के समय हुआ था जिसके तहत 12 लग्जरी हेलिकॉप्टर खरीदे जाने थे जिनका इस्तेमाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे वीवीआईपी लोगों के लिए होना था। क्रिश्चियन मिशेल उन इस सौदे में शामिल तीन बिचौलियों में से एक है। इसके अलावा ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसा है। मिशेल दुबई में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में था और उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने (ईडी) जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दायर आरोप-पत्र में आरोप लगाया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा था कि यह पैसा और कुछ नहीं, बल्कि कंपनी द्वारा 12 हेलीकॉप्टरों के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए वास्तविक लेन-देन के 'नाम पर' दी गई 'रिश्वत' थी। सीबीआई और ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसा के अलावा मिशेल तीसरा कथित बिचौलिया है।
अदालत द्वारा उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद दोनों जांच एजेंसियों ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया था। इसको लेकर कांग्रेस आरोप लगा चुकी है कि केंद्र सरकार सोनिया गांधी को आरोपी बनाने के लिए क्रिश्चयन मिशेल पर दबाव डाल रही है।
क्या है मामला?
बता दें कि साल 2007 में यूपीए सरकार के समय यह सौदा हुआ था लेकिन 6 साल बाद रिश्वत के आरोप लगने के बाद यह सौदा रद्द कर दिया गया था। अगस्ता-वेस्टलैंड की पैरेंट कंपनी फिनमैकिना पर इटली में भी रिश्वत के आरोप लग चुके हैं। साल 2016 में इसी मामले में वायुसेना के पूर्व चीफ एसपी त्यागी को गिरफ्तार किया गया था।