कोच्चि: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जीत हासिल करने वाले केरल के एक दम्पति ने रविवार को सरकारी अस्पताल में मुहैया कराई गई चिकित्सा सुविधा की प्रशंसा की, जहां वे कोविड-19 के इलाज के लिए 21 दिन भर्ती रहे थे। दम्पति ने कहा कि वे डॉक्टरों और नर्सों के आभारी हैं, जिन्होंने उन्हें एक नई जिंदगी दी। कोट्टायम जिले में चेंगलम के रहने वाले रॉबिन ने कहा, ‘‘सभी को लॉकडाउन को लागू करने में सरकार और स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग करना चाहिए।’’
रॉबिन और उसकी पत्नी को 21 दिनों के उपचार के बाद 25 मार्च को कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल की पृथक इकाई से छुट्टी दे दी गई। उन्हें वायरल संक्रमण रॉबिन की पत्नी के माता-पिता से हुआ था, जो इटली से आए थे। रॉबिन ने अपनी पत्नी के साथ अपने घर से विभिन्न टीवी चैनलों को बताया, ‘‘सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी आपसे जो कह रहे हैं, उन हरेक चीजों का पालन करें। वायरस को फैलने से रोकने के लिए वे दिन-रात काम कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि कोविड-19 एक जानलेवा बीमारी है। सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पृथक वार्ड के भीतर के अपने अनुभव को साझा करते हुए, रॉबिन ने नर्सों और डॉक्टरों की जमकर प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने बहुत ही अद्भुत काम किया है, जिससे उनमें आत्मविश्वास पैदा हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में हम डर गए थे क्योंकि अखबार और मीडिया विभिन्न देशों में कोविड-19 से हुई मौतों की खबरों को बार-बार दिखा रहा था। हम अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों की मदद से इस मानसिक आघात से पार पा सके।’’
उन्होंने कहा कि अस्पताल में 21 दिन तक रहने के बाद राज्य के सरकारी अस्पतालों के बारे में उनकी धारणा बदल गई। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सामान्य सोच यह रही है कि सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था उतनी अच्छी नहीं होती है। लेकिन यह धारणा गलत साबित हुई। हमें कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल से विश्वस्तरीय इलाज मिला।’’ रॉबिन ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि उनके संपर्क में आने वाले उनके पड़ोसियों और उनके दोस्तों में वायरस नहीं फैला।
Latest India News
Related Video