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जानें, GST में कटौती से आपको होगा कितना फायदा, सरकारों को होगा कितना नुकसान

जानें, GST की दरों में कटौती से आपको कितना फायदा होगा, और सरकारों को राजस्व में कितने रुपये तक का घाटा उठाना पड़ सकता है...

GST Rate Cut | PTI Graphics- India TV Hindi GST Rate Cut | PTI Graphics

गुवाहाटी: माल एवं सेवा कर (GST) के निर्धारण में अब तक का सबसे बड़े बदलाव करते हुए GST काउंसिल ने चुइंग गम से लेकर चॉकलेट, सौंदर्य प्रसाधनों, विग से लेकर हाथ घड़ी तक करीब 200 उत्पादों पर टैक्स की दरें घटा दी हैं। उम्मीद है कि इससे उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ साथ उद्योग एवं व्यापार जगत को सुस्ती के दौर में सहूलियत होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने GST काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि आम इस्तेमाल वाली 178 वस्तुओं पर टैक्स दर को मौजूदा के 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का फैसला किया है। 

घट जाएगा रेस्तरां का बिल
काउंसिल ने AC से लेकर नॉन AC तक सभी प्रकार के रेस्तरांओं पर टैक्स की दर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया है। अभी तक गैर एसी रेस्तरां में खाने के बिल पर 12 प्रतिशत की दर से GST लगता था। वहीं एसी रेस्तरां पर GST की दर 18 प्रतिशत थी। इन सभी को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की सुविधा मिलती थी। इसमें अंतिम टैक्स के भुगतान पर इनपुट कर भुगतान को घटा दिया जाता है। लेकिन अब रेस्तरां चालाने वालों को इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर चुकाए गए टैक्स का फायदा नहीं मिलेगा। जेटली ने कहा कि रेस्तरां इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा ग्राहकों को नहीं दे रहे थे, इसलिए इस सुविधा को वापस लिया जा रहा है और सभी रेस्तरांओं के लिए टैक्स की दर 5 पर्सेंट की जा रही है।

महंगे होटलों पर लगेगा 18 पर्सेंट GST
ऐसे सितारा होटल जिनमें कमरे का एक दिन का किराया 7,500 रुपये या अधिक है, उन पर 18 प्रतिशत GST लगाया जाएगा, लेकिन ITC की सुविधा मिलेगी। वहीं ऐसे होटल जिनमें कमरे का एक दिन का किराया 7,500 रुपये से कम होगा, उन पर 5 प्रतिशत की दर से GST लगेगा। हालांकि, उन्हें ITC की सुविधा नहीं मिलेगी।

GST Rate Cut list| PTI Graphics

GST Rate Cut list| PTI Graphics

अब 28 पर्सेंट स्लैब में सिर्फ 50 वस्तुएं
GST काउंसिल ने 28 पर्सेंट के सर्वाधिक टैक्स दर वाले स्लैब में वस्तुओं की संख्या को घटाकर सिर्फ 50 कर दिया है जो कि पहले 228 थी। अब 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में सिर्फ लग्जरी और अहितकर वस्तुएं ही रह गई हैं। रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं को 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है। वहीं पफ्ड राइस चिक्की, आलू का आटा, चटनी पाउडर और फ्लाई सल्फर पर GST की दर 18 से घटाकर 6 पर्सेंट कर दी गई है। ग्वार मील, हाप कोन, कुछ सूखी सब्जियों, बिना छिले नारियल और मछली पर GST की दर 5 से घटाकर शून्य कर दी गई है। इसी तरह इडली डोसा बैटर, तैयार चमड़े, कायर, मछली पकड़ने का जाल, पुराने कपड़े और सूखे नारियल पर टैक्स की दर को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है।

20,000 करोड़ रुपये के रेवेन्यू से वंचित होंगी सरकारें
जेटली ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा क्योंकि ज्यादातर कर योग्य उत्पाद अब 5, 12 और 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में आ गए हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि टैक्स की दरों में इस कटौती से सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व से वंचित होना पड़ेगा। GST को 1 जुलाई को लागू किया गया था। इससे 29 राज्यों में एक बाजार और एक कर व्यवस्था लागू हो गई थी। छोटे व्यापारियों ने GST के लागू होने के बाद इसके अनुपालन में आ रही दिक्कतों को उठाया था वहीं आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर कर की ऊंची दर को लेकर विरोध हो रहा था। अनुपालन बोझ को कम करने के लिए परिषद ने रिटर्न दाखिल करने के मानदंड में छूट दी है और साथ ही देरी से GST रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना कम कर दिया है।

'समय-समय पर होती है टैक्स दरों की समीक्षा'
जेटली ने कहा कि GST ढांचे को तर्कसंगत बनाने के प्रयास के तहत परिषद समय-समय पर दरों की समीक्षा करती है। पिछली 3 बैठकों से हम 28 प्रतिशत कर स्लैब को प्रणालीगत तरीके से देख रहे हैं और इन कर स्लैब से वस्तुओं को निचले कर स्लैब में ला रहे हैं। इनमें से ज्यादातर वस्तुओं को 18 या उससे कम के टैक्स स्लैब में लाया गया है। उन्होंने GST की 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की कर स्लैब इस आधार पर तय किया गया था जिसमें प्रत्येक उत्पाद को उस श्रेणी में रखने का प्रयास किया गया था जो GST पूर्व व्यवस्था में उसके सबसे नजदीकी श्रेणी में आती थीं।

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