लाहौर: पायलट अभिनंदन वर्द्धमान को शुक्रवार को वाघा सीमा पर भारत को सौंपे जाने में देरी इसलिए हुई क्योंकि उनसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने कैमरे पर बयान दर्ज करने को कहा। इसके बाद ही उन्हें सीमा पार करके स्वदेश जाने दिया गया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें दबाव में कैमरे के सामने बयान देने को कहा गया या नहीं। इस वीडियो में सात कट हैं जो संकेत देते हैं कि इसे परोक्ष रूप से पाकिस्तानी रुख के अनुरूप करने के लिए इसमें बहुत काट-छांट की गई।
पाकिस्तान सरकार ने स्थानीय समयानुसार रात साढे आठ बजे पायलट का वीडियो संदेश स्थानीय मीडिया को जारी किया। इस वीडियो में अभिनंदन ने बताया कि उसे कैसे पकड़ा गया। एक सूत्र ने कहा, ‘‘उनका वीडियो संदेश रिकॉर्ड करने से उसे भारत को सौंपने में देरी हुई।’’
वीडियो संदेश में, अभिनंदन ने कहा कि वह ‘‘निशाना खोजने के लिए’’ पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में घुसे लेकिन उनके विमान को मार गिराया गया। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं निशाने की खोज में था तो आपकी (पाकिस्तानी) वायुसेना ने मेरा विमान मार गिराया। मुझे विमान से कूदना पड़ा क्योंकि विमान को बहुत नुकसान हुआ था। जैसे ही मैं बाहर कूदा और जब मेरा पैराशूट खुला, मैं नीचे आकर गिरा, मेरा पास एक पिस्तौल थी।’’
अभिनंदन ने कहा, ‘‘वहां कई लोग थे। मेरे पास बचने का एक ही रास्ता था, मैंने अपनी पिस्तौल नीचे गिराकर भागने का प्रयास किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने मेरा पीछा किया, वे बहुत उत्तेजित थे। तभी वहां, पाकिस्तानी सेना के दो अधिकारी आ गए और मुझे बचा लिया। पाकिस्तानी सेना के कैप्टन ने मुझे लोगों से बचाया और मुझे कोई चोट नहीं आने दी। वे मुझे अपनी यूनिट में ले गए जहां मुझे प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर मुझे आगे की मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया तथा मेरा और उपचार हुआ।’’
विडियो के अनुसार विंग कमांडर ने भारतीय मीडिया की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘सेना के जवानों ने मुझे भीड़ से बचाया। पाकिस्तानी सेना बहुत पेशेवर है और मैं इससे बहुत प्रभावित हूं।’’
भारत का पक्ष है कि अभिनंदन का विमान उस समय गिराया गया जब भारतीय वायुसेना के विमानों ने 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के पाकिस्तान वायुसेना के प्रयासों को नाकाम किया था। इससे एक दिन पहले नई दिल्ली ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंक रोधी अभियान चलाया था। अभिनंदन विमान से तो बाहर निकल गए थे लेकिन वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जाकर गिरे जहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया।
पाकिस्तानी मीडिया की खबर है कि वाघा आव्रजन पर अभिनंदन के कागजात की जांच हो रही थी इसलिए उन्हें तुरंत भारतीय अधिकारियों को नहीं सौंपा गया।
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