नई दिल्ली: बिहार में अब अपने बूढे माता-पिता की सेवा नहीं करने पर जेल भी जानी पड़ सकती है। बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि बिहार में रहने वाली संतानें अगर अब माता-पिता की सेवा नहीं करेंगी तो उन्हें जेल की सजा हो सकती है। माता-पिता की शिकायत मिलते ही ऐसी संतानों पर कार्रवाई होगी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बैठक में कुल 15 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी घटनाओं में शहीद बिहार के जवानों के आश्रितों को बिहार सरकार ने नौकरी देने का भी फैसला किया है।
बैठक में राज्य के वृद्घजन पेंशन योजना को भी बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम 2011 के दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब किसी भी बुजुर्ग द्वारा दिए गए आवेदन का निपटारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को 21 दिनों के अंदर करना होगा। इसके अलावा भागलपुर में गंगा नदी पर एक नया पुल बनाने का निर्णय लिया गया है।
समाज कल्याण विभाग के एक प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने 2007 में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम में संशोधन किया है। पूर्व में बच्चों द्वारा प्रताडि़त किए जाने वाले माता-पिता को न्याय के लिए जिलों के परिवार न्यायालय में अपील करनी होती थी जहां सुनवाई प्रधान न्यायाधीश के स्तर पर होती थी। अब माता-पिता जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अपील अधिकरण में अपील करेंगे। डीएम ही मामले की सुनवाई करेंगे।
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