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Hindi News भारत राष्ट्रीय Morari Bapu in Aap Ki Adalat: 'हमारे प्रधानमंत्री की राष्ट्रभक्ति पर कोई ऊंगली नहीं उठा सकता'

Morari Bapu in Aap Ki Adalat: 'हमारे प्रधानमंत्री की राष्ट्रभक्ति पर कोई ऊंगली नहीं उठा सकता'

आप की अदालत में आज इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे हैं जाने-माने राम कथा वाचक मोरारी बापू।

Aap Ki Adalat- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Aap Ki Adalat

नई दिल्ली: इंडिया टीवी के लोकप्रिय शो आप की अदालत में आज के मेहमान जाने-माने राम कथा वाचक मोरारी बापू ने कहा कि राजनीति में साम-दाम, दंड भेद होते हैं लेकिन हमारे प्रधानमंत्री की राष्ट्रभक्ति पर कोई ऊंगली नहीं उठा सकता।  राम कथा वाचन की अपनी खास शैली के लिए दुनिया भर में विख्यात मोरारी बापू कथा वाचन के लिए गांव से लेकर शहरों में आते-जाते रहते हैं। बड़ी तादाद में लोक उनकी कथा में शरीक होते हैं। जनता के साथ उनका सीधा संवाद भी होता है। आप की अदालत में आज उन्होंने इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब दिया। 

लाइव अपडेट

-राजनीति में लोग साम, दाम, दंड, भेद करते हैं, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री की राष्ट्रभक्ति पर कोई ऊंगली नहीं उठा सकता-मोरारी बापू

-पिछले कुछ सालों में बहुत काम हुआ है, हो रहे हैं, लेकिन लोगों की मांगें इतनी है कि सबकी मांग पूरा करना मुश्किल है--मोरारी बापू

-मैं राजनीतिक आदमी नहीं कि लोगों से कहूं-इसको वोट दो, उसको वोट दो। लोग अपनी आत्मा चारों ओर देखकर जिसे पसंद करें, उसे वोट दें-मोरारी बापू

- राम चरित हर काल में प्रासंगिक है, सत्य, करुणा और प्रेम हमें राम से सीखना चाहिए-मोरारी बापू-हर घटना को युग और देशकाल के संदर्भ में देखना चाहिए-मोरारी बापू

-राम को जो करना चाहिए था वो राम ने किया, लेकिन सीता ने कोई शिकायत की ऐसा नहीं पढ़ा, राम ने राजधर्म का निर्वाह किया था-मोरारी बापू

-आज के टेक्नोलॉजी के सदुपयोग से मैं नहीं मना करता, लेकिन 24 घंटे व्हाट्सएप और फेसबुक में लगे रहना गलत है-मोरारी बापू

-इसी तरह महर्षि वाल्मीकि भी वैज्ञानिक थे। सगर्भा सीता को उन्हीं के पास रखा गया। जो ऊर्जा सगर्भा में है उसे कोई वैज्ञानिक ही समझ सकता है--मोरारी बापू

-हनुमान विशुद्ध वैज्ञानिक थे। इसमें कोई शक नहीं। कोई वैज्ञानिक ही सीता की खोज कर सकता था। राम के पास हनुमान से बुद्धिमान और बलिष्ठ लोग थे, लेकिन बिना वैज्ञानिक के ऊर्जा कहां छिपी है, इसकी खोज करना संभव नहीं था -मोरारी बापू

-अगर वर्ण में डालना चाहें तो राम से सबसे पहले ब्राह्मण के वेश में हनुमान मिले, जब राक्षसों का संहार किया तब क्षत्रिय का रूप धारण किया, जब राम को जन्म-जन्म कर्ज में रखा तो वैश्य बने और स्वयं सेवक बनकर शूद्र बने।'

-हनुमान पवनपुत्र हैं। पवन न हिंदू, न मुसलमान, न ब्राह्मण न क्षत्रिय हैं। पवन जाति मुक्त हैं। पांचों तत्व जाति मुक्त है- मोरारी बापू

-राजनीति कभी पतिव्रता नहीं होती, कभी यहां खड़ी होती है कहीं वहां खड़ी होती है, कुछ लोग अपवाद होते हैं-मोरारी बापू

-मैं भीतर की भक्ति को देखता हूं, जाति-वर्णों को मैं नहीं देखता-मोरारी बापू

-गंगा भीतर से पवित्र है ही उसे कोई अपवित्र नहीं कर सकता, लेकिन बाहरी तौर पर जो गंदगी है उसे दूर करने की जरूरत है, जहां भी मेरी कथा होती है मैं लोगों से अपील करता हूं कि लोग आसपास साफ सफाई रखें-मोरारी बापू

-प्रभाव से बाहरी परिवर्तन होता है, स्वभाव से आंतरिक परिवर्तन होता है-मोरारी बापू

-राम अभयदाता हैं, राम नाम लेना चाहिेए, भीरू लोग डरते हैं-मोरारी बापू

-मेरा पूरा अंत:करण राम मंदिर के साथ है, मंदिर होना चाहिए--मोरारी बापू

-मेरा मानना है कि राम मंदिर होना चाहिए लेकिन जितना हो सके स्वीकार से, आपसी बातचीत से होना चाहिए-मोरारी बापू

-श्मशान अपने आप में एक मंदिर है, एक बड़ा धाम है-मोरारी बापू

-मैं पाकिस्तान की यात्रा करना चाहता हूं, मैं दोनों देशों के संबंधों में सुधार चाहता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि किसी दिन मैं उस देश में राम कथा कहने में समर्थ हो सकूं-मोरारी बापू
-यदि आतंकवादियों से बातचीत के लिए मुझे कश्मीर आमंत्रित किया जाए तो मैं वहां जाऊंगा-मोरारी बापू

- वंचित, उपेक्षित और तिरस्कृत के लिए मेरा एक स्टेंड है, स्टंट नहीं है। किसी को नराज करने का मेरा कोई इरादा नहीं है। मेरी राम चरित्रमानस की एक ही बात है कि सुधारने की कोशिश ना की जाए स्वीकार करने की कोशिश की जाए।

- ईश्वर-अल्लाह में कोई भेद नहीं होना चाहिए। पर ऐसा बोलकर मैं किसी को आकर्षित नही करना चाहता।

 

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