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Hindi News भारत राष्ट्रीय रवि शंकर प्रसाद ने कहा, सर्वर भारत में होने से आधार से जुड़े आंकड़े सुरक्षित

रवि शंकर प्रसाद ने कहा, सर्वर भारत में होने से आधार से जुड़े आंकड़े सुरक्षित

प्रसाद ने यह भी कहा कि साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारत डिजिटल रूप से सशक्त होता जा रहा है। हमने साइबर सुरक्षा के लिए तंत्र का विस्तार किया है। हालांकि, भारत में कम साइबर हमले से संबंधिक कम मामले सामने आते

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नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि आधार संबंधित आकंड़े सुरक्षित हैं, क्योंकि जिन सर्वरों में ये आंकड़े मौजूद हैं वे भारत में ही हैं। लोकसभा में साइबर सुरक्षा पर एक सवाल का जवाब देते हुए प्रसाद ने कहा, "आंकड़ा एक नई संपदा है..जहां तक आधार की बात है, तो पूरी प्रणाली भारत में है और इसलिए सारे आकड़े सुरक्षित हैं।" मंत्री से अधिकांश सर्वरों के भारत से बाहर होने पर आधार से संबंधित आंकड़ों की सुरक्षा के बारे में पूछा गया था। उन्होंने कहा, "भले ही आंकड़ा प्रक्रमन (प्रॉसेसिंग) केंद्र भारत से बाहर है, इस प्लेटफॉर्म पर काम करने वालों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम को समझने की जरूरत है, और इसका अनुपालन करना होगा।" ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस

प्रसाद ने यह भी कहा कि साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारत डिजिटल रूप से सशक्त होता जा रहा है। हमने साइबर सुरक्षा के लिए तंत्र का विस्तार किया है। हालांकि, भारत में कम साइबर हमले से संबंधिक कम मामले सामने आते हैं, लेकिन हम हमेशा सचेत रहते हैं।" मंत्री ने कहा कि 'वाना क्राई' रैन्समवेयर हमले के अलावा, जून में 'पेटया' नामक एक अन्य रैन्समवेयर भी सामने आया था।

मंत्री ने कहा कि मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) का का संचालन 'पेटया' के कारण आंशिक रूप से प्रभावित हुआ था और कुछ रैन्समवेयर के लिए डिक्रिप्शन टूल उपलब्ध हैं, जो उपयोगकर्ताओं को उनके दस्तावेज डिक्रिप्ट करने की अनुमति देता है।

आधार से नहीं हो सकती है किसी की जासूसी

UIDAI को लेकर आम जनता की चिंता को कम करते हुए संगठन के एडिशनल सॉलिसिटर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार चाहे भी तो नागरिकों की जासूसी में आधार का इस्तेमाल नहीं कर सकती है, क्योंकि ये तकनीकी रूप से मुमकिन ही नहीं है। UIDAI के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस जे।एस। खेहर की अध्यक्षता वाली नौ जजों की बेंच को यह जानकारी दी। तुषार मेहता ने कहा कि अगर सरकार को किसी कोर्ट के आदेश से यह राइट भी मिल जाए कि किसी व्यक्ति ने किस मकसद से अपनी आइडेंटिटी को ऑथेंटिकेट किया है, उसे ये डीटेल्स नहीं मिल पाएंगे।

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