नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बुधवार तक देश में कोविड-19 रोधी टीकों की 92.60 करोड़ खुराकें दी गईं। मंत्रालय के अनुसार, सिर्फ बुधवार को रात साढ़े आठ बजे तक 40 लाख से अधिक खुराकें दी गईं। मंत्रालय ने कहा कि देश में सबसे संवेदनशील जनसंख्या समूहों को कोविड-19 से बचाने के एक जरिये के तौर पर टीकाकरण कवायद की नियमित रूप से समीक्षा और उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है।
भारत में कोरोना टीके को लेकर सिर्फ 7% वयस्क ही हिचक रहे हैं: सर्वेक्षण
एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, सिर्फ सात प्रतिशत भारतीय वयस्क ही अभी कोविड-19 टीके लगवाने में हिचक रहे हैं। लोगों के बीच झिझक के मामले में यह अब तक का सबसे कम स्तर है। ऑनलाइन मंच ‘लोकलसर्किल्स’ द्वारा किए गए एक अध्ययन में 301 जिलों के 12,810 नागरिकों से प्रतिक्रियाएं मिलीं। उनमें से 67 प्रतिशत पुरुष थे और 33 प्रतिशत महिलाएं थीं।
अध्ययन में अब तक टीका नहीं लेने वाले नागरिकों से इसका कारण और टीका लगाने की उनकी योजना को समझने की कोशिश की गयी। भारत की वयस्क आबादी 94 करोड़ है और करीब 68 करोड़ लोग पहले ही कोविड टीकों की कम से कम एक खुराक ले चुके हैं।
‘लोकलसर्किल्स’ के संस्थापक सचिन तपाडिया ने कहा कि सर्वेक्षण से पता लगता है कि टीका नहीं लेने वाले लोगों में से 46 प्रतिशत नागरिक जल्द ही अपनी पहली खुराक लेने की योजना बना रहे हैं। करीब 27 प्रतिशत ऐसे नागरिक थे जिन्होंने अभी तक टीका लेने की योजना नहीं बनाई है क्योंकि वे इस बात से आश्वस्त नहीं हैं कि क्या मौजूदा टीके कोरोना वायरस के वर्तमान और भविष्य के स्वरूपों से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि इन 27 प्रतिशत लोगों को उन वर्गों में रखा जा सकता है जो टीका लगाए जाने के प्रति संकोची हैं। उन्होंने कहा कि यदि अधिक आंकड़े उपलब्ध हों या विभिन्न टीके उपलब्ध हों तो वे टीका लगवा सकते हैं।
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