अंबाला (हरियाणा): पंजाब के लुधियाना से हावड़ा जा रही ट्रेन में यात्रा कर रहे बिहार के एक परिवार की आठ साल की बच्ची अचानक से बहुत बीमार हो गई और उसने कोई चिकित्सीय मदद न मिलने के कारण दम तोड़ दिया। बच्ची के पिता रिंटू चौधरी ने यह आरोप लगाते हुये कहा कि उनकी बिटिया को लगातार उल्टियां हो रही थीं। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो एक सहयात्री ने अपने मोबाइल फोन से रेलवे हेल्पलाइन नम्बर 138 डॉयल कर दिया लेकिन कोई भी चिकित्सा उन्हें मुहैया नहीं कराई गई।
पेशे से लुधियाना के एक कारखाने में मजदूर रिंटू चौधरी ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि वह, पत्नी और उनकी बेटी लुधियाना से ट्रेन में सवार हुये थे। ट्रेन चलने के दो घंटे बाद सुबह दस बजे अंबाला छावनी स्टेशन पर पहुंचने से ठीक पहले उनकी बिटिया ने आखिरी सांस ली। चौधरी रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी से मिले। अंबाला स्टेशन के एक अधिकारी ने उन्हें वहां से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर बने गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) थाने में जाने को कहा।
चौधरी ने बताया कि अपनी मरी हुई बिटिया को गोद में लिए वह जीआरपी पुलिस के पास पहुंचे जहां पुलिस अधिकारियों ने उनकी मदद की और बेटी के शव को पोस्ट मार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा। बाद में शव को माता पिता को सौंप दिया गया। जीआरपी थाना प्रभारी राम बचन राय ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की कि दंपती अपनी मरी हुई बेटी के साथ सोमवार को आया था।
उन्होंने कहा कि इस परिवार की मदद के लिए कोई अधिकारी उनके साथ नहीं था। अंबाला स्टेशन निदेशक बीएस गिल ने कहा कि बच्ची के माता पिता स्टेशन मास्टर से मिले थे। रेलवे के एक चिकित्सक को बुलाया गया था लेकिन तब तक लड़की को मरा हुआ घोषित कर दिया गया था।
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