मैसूर. कर्नाटक कै मैसूर में इन दिनों बुजुर्ग लोगों की शादी के विषय पर जमकर चर्चाएं की जा रही हैं। दरअसल इसकी वजह से एक 73 साल की रिटायर्ड टीचर द्वारा प्रकाशित करवाया गया एक मैट्रिमोनियल विज्ञापन। इस विज्ञापन के जरिए बुजुर्ग महिला ने कहा है कि उन्हें शादी के लिए पति की तलाश है। इस विज्ञापन के बाद मैसूर में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कई लोग बुजुर्ग महिला की हिम्मत की दाद दे रहे हैं और इस विज्ञापन को उनका सकारात्मक रवैया बता रहे हैं तो कई इसपर सवाल भी खड़े कर रहे हैं।
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अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर इस खबर के अनुसार, महिला ने अपनी उम्र से अधिक उम्र के ब्राह्मण व्यक्ति के साथ शादी की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वो अकेले जीवन व्यतीत कर रही हैं और "जीवन संगति" की तलाश कर रही हैं।
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उन्होंने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, "मेरा खुद का परिवार नहीं है। मेरा माता-पिता की भी मृत्यु हो चुकी है। मेरी पहली शादी का अंत तलाक के रूप में हुआ। मुझे अकेले रहने में डर लगता है। मुझे लगता है कि मैं घर पर गिर पड़ूंगी और किसी भी मदद भी मुझे नहीं मिलेगी या मुझे बस स्टॉप से घर तक आने में डर लगता है। इस वजह से मैं लाइफ पार्टनर की तलाश कर रही हूं।"
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उन्होंने कहा कि शादी और फिर तलाक काफी दर्द देने वाला था इस वजह से वो इतने सालों तक शादी के विचार से भी दूर भागती रहीं। उन्होंने कहा कि परम्परागत रूप से शादी और पति से अधिक वो अपने लिए एक ऐसे साथी की तलाश कर रही हैं, जो बाकी की उम्र साथी की बनकर हमेशा उनके साथ रहे।
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इस विज्ञापन को सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा शेयर किया जा रहा है। बहुत सारे युवाओं ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि रिटायर्ड टीचर का ये निर्णय समाझ में cultural stereotypes को तोड़ने में मददगार साबित होगा। मनोचिकित्सक प्रोफेसर Raveesh BN कहते हैं कि ये विज्ञापन विज्ञापन समाज के लिए एक आंख खोलने वाला होना चाहिए, जहां बुजुर्गों की अक्सर उपेक्षा की जाती है, और अकेलापन बढ़ती उम्र के साथ एक कारक बन जाता है। उन्होंने कहा कि आजकर संयुक्त परिवार चलन से बाहर होते जा रहे हैं, लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और इस वजह से उन्हें परेशानियां आ रही हैं।
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