A
Hindi News भारत राष्ट्रीय जयपुर: 55 मरीजों में जीका वायरस की पुष्टि, WHO की टीम जल्‍द कर सकती है दौरा

जयपुर: 55 मरीजों में जीका वायरस की पुष्टि, WHO की टीम जल्‍द कर सकती है दौरा

राजधानी जयपुर में जीका का सबसे ज्‍यादा प्रभाव देखा जा रहा है। यहां शनिवार तक जीका के 55 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

<p>Zika Virus</p>- India TV Hindi Zika Virus

राजस्‍थान में भयंकर वायरस जीका का प्रभाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। राजधानी जयपुर में जीका का सबसे ज्‍यादा प्रभाव देखा जा रहा है। यहां शनिवार तक जीका के 55 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में वायरस से पीडि़त लोगों की बढ़ती संख्‍या सरकार के लिए भी बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की कि वे जीका वायरस को लेकर नहीं घबराएं। इसके साथ ही मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि जीका वायरस का प्रसार नियंत्रण में है। 

इस बीच खबर है कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की टीम भी जल्‍द ही जयपुर और राज्‍य के अन्‍य क्षेत्रों का दौरा करेगी। हालांकि मेडिकल एवं हेल्‍थ डिपार्टमेंट के पीआरओ गोविंद पारीक ने इसकी पुष्टि नहीं की है। मच्‍छर से फैलने वाले इस रोग को लेकर राज्‍य का स्‍वास्‍थ्‍य विभाग भी हरकत में आ गया है। विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि जयपुर के घरों में मच्‍छरों की सघन जांच शुर की गई है। यदि किसी भी घर में लार्वा मिलता है जो भारी जुर्माना लगेगा। 

स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों ने डॉक्‍टरों से गर्भवती महिलाओं को लेकर भी खास हिदायद बरतने की अपील की है। यह वायरस गर्भ में पल रहे बच्‍चे के दिमाग पर बुरा असर डालता है। राज्‍य के अतिरिक्‍त मुख्‍य सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) वीनू गुप्‍ता ने बताया पिछले हफ्ते गुरुवार तक 276 टीमों ने 11313 घरों की जांच की, जिसके बाद 2282 लार्वा को खत्‍म किया गया। 

क्‍या हैं जीका के लक्षण

मच्छरों से पैदा हुए जीका वायरस रोग के लक्षण अन्य वायरल संक्रमण जैसे डेंगू आदि के समान हैं। इसके लक्षणों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द सिरदर्द आदि शामिल हैं।

2017 के बाद दोबारा लौटा जीका

भारत में पहली बार यह बीमारी जनवरी-फरवरी 2017 में अहमदाबाद में फैली। दूसरी बार 2017 में यह बीमारी तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में पाई गई। दोनों ही मामलों में सघन निगरानी और प्रबंधन के जरिए इस पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया गया। यह बीमारी स्वास्थ्य मंत्रालय के निगरानी रडार पर है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की अधिसूचना के अनुसार 18 नवंबर, 2016 से इसके संबंध में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिन्ता की स्थिति नहीं है।

Latest India News