शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के एक अस्पताल में मंगलवार देर रात कोरोना वायरस से संक्रमित 54 वर्षीय एक महिला ने फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, महिला पिछले सप्ताह कोरोना वायरस के संक्रमण का पता चला था। इस बीच महिला के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के चिकित्साकर्मियों के उपेक्षापूर्ण रवैये ने उन्हें अपनी जान देने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मरीज ने फोन पर हुई बातचीत में अस्पताल के कर्मियों के उपेक्षापूर्ण रवैये के बारे में बताया था।
उपायुक्त ने दिए जांच के आदेश
उपायुक्त अमित कश्यप ने इस घटना की अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (कानून-व्यवस्था) से जांच कराने के आदेश दिये हैं। इस मामले में रिपोर्ट 10 दिन के भीतर सौंपी जायेगी। पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने बताया कि कोविड-19 जांच में 18 सितंबर को संक्रमण की पुष्टि के बाद महिला को दीन दयाल अस्पताल में भर्ती किया गया था। चावला ने कहा कि कोविड केयर वार्ड के बाहर लगी लोहे की ग्रिल से महिला ने मंगलवार देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर फांसी लगा ली। अधीक्षक ने बताया कि इस संबंध में अस्पताल से रिपोर्ट मांगी गई है और जांच शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि अभी पोस्टमॉर्टम की प्रतीक्षा की जा रही है।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
बता दें कि अस्पताल से इस घटना के संबंध में अभी तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस रोगियों के प्रति चिकित्सा कर्मचारियों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार ने महिला को यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया। रिश्तेदार ने दावा किया कि उनकी उनसे प्रतिदिन फोन पर बात हुई और उन्होंने उन्हें बताया कि उनकी देखभाल नहीं की जा रही है और पानी भी नहीं दिया जा रहा है। उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि कोविड-19 मरीजों के लिए समुचित प्रबंध किये जाने की जिम्मेदारी डीडीयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक की है।
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