नई दिल्ली। किसान कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान रोजाना 500 किसान ट्रैक्टर लेकर संसद भवन की तरफ शांतिपूर्ण मार्च करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की मंगलवार को सिंघु बॉर्डर के पास एक बैठक हुई है और किसान आंदोलन को आगे ले जाने को लेकर रणनीति तैयार की गई है।
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा
तीन नए कृषि काननों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली के संसद भवन कूच करने का फैसला किया है। संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर के पास बैठक में फैसला किया गया है कि 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान रोजाना 500 किसान ट्रैक्टर लेकर संसद भवन की तरफ मार्च करेंगे। बैठक में सभी बड़े किसान नेता उपस्थित थे। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा। संयुक्त किसान मोर्चा की 9 सदस्यीय कमेटी ने बैठक में यह फैसला लिया है। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि जहां भी रोका जाएगा किसान वहीं बैठ जाएंगे।
लखनऊ में 22 नवंबर को होगी किसान महापंचायत, पूर्वांचल में और तेज होगा प्रदर्शन: राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पूर्वांचल क्षेत्र में प्रदर्शन और तेज किया जाएगा। पूर्वांचल में पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के हस्से आते हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन का एक साल पूरा होने से चार दिन पहले 22 नवंबर को लखनऊ में किसान महापंचायत होगी। राकेश टिकैत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ऐतिहासिक होगी लखनऊ में आयोजित 22 नवंबर की किसान महापंचायत। संयुक्त किसान मोर्चा की यह महापंचायत किसान विरोधी सरकार और तीनों काले कानूनों के विरोध में ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा, "अब पूर्वांचल में भी और तेज होगा अन्नदाता का आंदोलन।’’
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने ट्वीट किया, “ केंद्र सरकार के पास 26 नवंबर तक का समय है। उसके बाद 27 नवंबर से किसान गांवों से ट्रैक्टरों से दिल्ली के चारों तरफ आंदोलन स्थलों पर बॉर्डर पर पहुंचेंगे और पक्की किलेबंदी के साथ आंदोलन और आंदोलन स्थल को मजबूत करेंगे।”
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