जम्मू: केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) आर आर भटनागर ने शुक्रवार को बताया कि इस साल आतंकवाद विरोधी अभियानों में कम से कम 142 आतंकवादियों को मार गिराया गया। उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया कि करीब 200-250 आतंकवादी अब भी कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं। डीजी ने कहा कि वर्ष 2016-17 की तुलना में इस साल कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति ‘‘बेहतर’’ है और जवानों के घायल होने की संख्या में कमी आयी है। उन्होंने बताया कि बल ने ‘मददगार’ नामक एक हेल्पालाइन शुरू की है जिसका मकसद युवाओं को आतंकवादियों के साथ जुड़ने से हतोत्साहित करना है। इस प्रयास के तहत पिछले एक साल के दौरान ढाई लाख फोन आये।
उन्होंने कहा कि आतंकवादी हताश हैं, इसलिए वे निहत्थे सुरक्षाकर्मियों और उनके परिवारों को निशाना बना रहे हैं। भटनागर ने कहा, ‘‘हमारा सुरक्षा तंत्र बेहतर है और कानून व्यवस्था (कश्मीर में) के मोर्चे पर सुरक्षा हालात बेहतर हैं। आगामी दिनों में बल और बेहतर प्रदर्शन करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अकेले इस साल अब तक 142 आतंकवादियों को मार गिराया गया है और पिछले साल भी नतीजे बेहतर थे।’’
सुरक्षा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर डीजी ने कहा कि आतंकवाद एवं कानून व्यवस्था के मुद्दे कश्मीर में ‘‘दो बड़ी चुनौतियां’’ हैं। इन चुनौतियों में पत्थरबाजी, बंद और हड़ताल शामिल हैं और हम इनसे सख्ती से निपट रहे हैं। भटनागर ने कहा, ‘‘हमलोग प्रभावी तरीके से इन चुनौतियों से निपट रहे हैं। अपनी सहयोगी सुरक्षा एजेंसियों के साथ हमारा बेहतर तालमेल है। सुरक्षा बल अपने लक्ष्यों के अनुरूप ऐसी स्थिति से निपटने में सफल रहे हैं।’’
कश्मीर घाटी में आतंकवादियों द्वारा निहत्थे पुलिस कर्मियों को निशाना बनाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह इसलिए है क्योंकि आतंकवादी हताश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘निहत्थे पुलिसकर्मियों और सीआरपीएफ कर्मियों को उनके घरों में निशाना बनाकर वे कायराना हरकत कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हर बलिदान के साथ बल आतंकवाद के खात्मे की दिशा में और अधिक दृढ़ बन रहा है तथा ‘‘हमारा बल इनसे सख्ती से निपटेगा।’’
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