4 साल लंबा इंतजार हुआ खत्म, 38 भारतीयों के शव इराक से भारत पहुंचे
मारे गए सभी भारतीयों के शव लाने के लिए विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह रविवार को इराक के लिए रवाना हुए थे।
नई दिल्ली: इराक के शहर मोसुल में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा मारे गए भारतीय नागरिकों के शव भारत पहुंच गए हैं। इराक से 38 भारतीयों के शव को लेकर आ रहा विमान करीब दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर भारत पहुंचा। अमृतसर पहुंचने के बाद वीके सिंह ने मीडिया से बात की। वीके सिंह ने बताया कि शवों के साथ डीएनए बहुत मुश्किलों से मैच हुआ। सरकार की तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ गई। इराक की सरकार ने भी बहुत मदद की। इसके साथ ही वीके सिंह ने इराक सरकार का शुक्रिया भी अदा किया। मारे गए सभी भारतीयों के शव लाने के लिए विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह रविवार को इराक के लिए रवाना हुए थे। सिंह ने रवाना होने से पहले कहा कि आईएस ने साल 2014 में मोसुल पर कब्जा करने के बाद 39 भारतीयों की हत्या कर दी थी। एक मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाने के कारण 38 भारतीय नागरिकों के शव भारत लाए गए हैं।
पंजाब सरकार ने ऐलान किया है कि इराक में मारे गए सभी पंजाब के लोगों को पांच पांच लाख रुपए और उनके परिवार के किसी एक सदस्य को उसकी योग्यता के हिसाब से एक नौकरी भी दी जाएगी। इसके बाद पंजाब के अमृतसर और बिहार के पटना जाकर मृतकों के परिजनों को शव सौंपे जाएंगे। मारे गए 39 लोगों में 27 पंजाब से और चार बिहार से थे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 20 मार्च को संसद को सूचित किया था कि इराक में मजदूरी का काम कर रहे जिन 39 भारतीयों का 2014 में मोसुल से अपहरण हो गया था, उनकी हत्या हो गई है। इससे पहले इराक से बच निकले हरजीत मसीह ने दावा किया था कि आईएस ने 38 भारतीयों की गोली मारकर हत्या कर दी है।
इसके जबाव में विदेश मंत्री ने कहा था कि जब तक इस संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता, वे किसी की मृत्यु की पुष्टि नहीं कर सकतीं। मंत्री ने कहा था कि लापता 39 भारतीय नागरिकों में से 38 के डीएनए नमूनों के आधार पर उनकी शिनाख्त हुई थी। 39वें व्यक्ति के परिजनों की मौत होने के बाद उनके एक रिश्तेदार ने अपना डीएनए नमूना भेजा था, फिलहाल उनकी शिनाख्त नहीं हुई है।