नई दिल्ली: देरी और कई अन्य वजहों से देशभर की 360 बुनियादी परियोजनाओं की लागत में कुल 3.88 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। ये सभी परियोजनाएं मूल रूप में 150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है।
इन 1,608 परियोजनाओं में से 360 की लागत में इजाफा हुआ है, जबकि 550 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। मंत्रालय की जून 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, 1,608 परियोजनाओं की कुल मूल लागत 19,17,796.07 करोड़ रुपये थी। अब परियोजना खत्म होने तक इनकी अनुमानित लागत 23,05,860.33 करोड़ रुपये होगी।
यह दिखाता है कि इन परियोजनाओं की लागत में 3,88,064.26 करोड़ रुपये का इजाफा हो चुका है। यह मूल लागत से 20.23 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, जून 2019 तक इन परियोजनाओं पर 9,35,021.39 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। यह इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत का 40.55 प्रतिशत है।
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है परियोजनाओं को पूरा करने के नए कार्यक्रम को देखा जाए, तो देरी वाली परियोजनाओं की संख्या घटकर 474 पर आ जाएगी। देरी से चल रही कुल 550 परियोजनाओं में से 182 परियोजनाएं एक से 12 महीने, 119 परियोजनाएं 13 से 24 महीने, 133 परियोजनाएं 25 से 60 महीने और 116 परियोजनाएं 61 या उससे अधिक महीने की देरी से चल रही हैं।
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