रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में 11 अप्रैल को हुए नक्सली हमले के दौरान पुलिस ने मुठभेड़ में 35 नक्सलियों को भी मार गिराने का दावा किया है। उस समय यह बात सामने नहीं आई थी, लेकिन मंगलवार को राज्य पुलिस एडीजी (नक्सल ऑपरेशन) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया। उन्होंने यहा दावा 16 अप्रैल को आत्मसमर्पण करने वाले जनमिलिशिया कमांडर सोढ़ी रामा उर्फ कन्ना के हवाले से किया। सोढ़ी भी 11 अप्रैल को सुकमा के पिडमेल में हुई मुठभेड़ में शामिल था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सोढ़ी ने कहा, 'मुठभेड़ में कोंटा एरिया कमिटी सचिव अर्जुन, बटालियन के डिप्टी कमांडर सीतू समेत 35 उग्रवादी मारे गए और 15 घायल हुए । उसने कहा कि नक्सलियों ने मौत के सबूत को मिटाने के लिए साथियों के शव को पास के जंगल में ले गए और उन्हें जला दिया। हालांकि, सीपीआई (माओवादी) ने पिडमेल मुठभेड़ में 35 नक्सलियों के मारे जाने के दावे का खंडन किया है। दक्षिण बस्तर डिवीजन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इतनी बड़ी संख्या में कॉमरेडों की मौत को छुपाया नहीं जा सकता। इस बयान में कहा गया कि कुछ लोगों को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन वे चलने-फिरने की स्थिति में हैं।
राज्य के खुफिया विभाग के आईजी दीपांशु काबरा ने भी बताया कि इस महीने की 11 तारीख को एसटीएफ के गश्ती दल पर हमले के दौरान दल ने 35 माओवादियों को मार गिराया था तथा 15 माओवादी घायल हुए थे।
सोढ़ी ने सुकमा जिले के पोलमपल्ली में पुलिस के सामने सरेंडर किया है। उसने बताया कि 11 अप्रैल को जंगल में महुआ चुनने वाले लोगों से पुलिस दल के वहां पहुंचने की जानकारी मिली थी। सूचना के बाद नक्सलियों ने पुलिस दल पर हमला करने की योजना बनाई और पुलिस दल को तीन ओर से घेर लिया। सोढ़ी ने बताया कि इस हमले में लगभग 150 माओवादी शामिल थे, जिनमें 25 महिला माओवादी भी शामिल थीं। गौरतलब है कि सुकमा जिले के पिडमेल गांव के जंगल में नक्सलियों ने एसटीएफ के दल पर हमला कर दिया था। इस हमले में सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 10 अन्य घायल हो गए थे।
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