नई दिल्ली: UPA-2 के कार्यकाल में हुए 2G स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर पटियाला हाउस कोर्ट की स्पेशल CBI अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस केस में CBI की विशेष अदालत ने पूर्व मंत्री ए. राजा और सांसद कनिमोझी समेत सभी 17 आरोपियों को बरी कर दिया। जज ओपी सैनी ने सबूतों को अभाव में सारे आरोपियों को निर्देष करार देते हुए अपना फैसला सुनाया। 63 वर्षीय जज ओपी सैनी को 2G केस के ट्रायल के लिए चुना गया था। आइए, आपको बताते हैं कौन हैं इस केस में फैसला सुनाने वाले जज ओपी सैनी।
सैनी ने 1981 में दिल्ली पुलिस में बतौर सब-इंस्पेक्टर अपने करियर की शुरुआत की थी। 6 साल तक दिल्ली पुलिस में सर्विस देने के बाद वह न्यायिक मजिस्ट्रेट की परीक्षा में बैठे, और उस साल वह परीक्षा पास करने वाले एकलौते परीक्षार्थी बने। 2011 में जब सुप्रीम कोर्ट ने 2G मामले में स्पेशल कोर्ट बनाने का आदेश दिया, तब उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें जज के रूप में सेलेक्ट किया गया। सैनी NALCO रिश्वत मामले, कॉमनवेल्थ घोटाला मामले और लाल किला शूटआउट समेत कई बेहद महत्वपूर्ण मामलों में जज रह चुके हैं।
सैनी ही वह जज थे जिन्होंने करुणानिधि की बेटी कनिमोझी की 2G मामले में जमानत याचिका खारिज की थी। माना यह जा रहा था कि महिला होने के नाते उन्हें 5 महीने में ही जमानत मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हो न सका। जज ओपी सैनी ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि वह एक प्रभावशाली राजनीतिज्ञ हैं और बाहर आने पर वह गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं।
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