नई दिल्ली: दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, डीएमके से राज्यसभा सांसद कनिमोझी और अन्य के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामलों की सुनवाई पांच दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने यह कहते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी कि अभी फैसला तैयार नहीं हो सका है क्योंकि मामले में दाखिल किए गए दस्तावेज व्यापक और तकनीकी से रूप पेचीदे हैं, जिनका अवलोकन किया जाना बाकी है।
न्यायाधीश ने कहा कि फैसले में अभी और दो से तीन सप्ताह लग सकते हैं और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। अदालत ने कहा कि वह अगली सुनवाई पर फैसले की तारीख का ऐलान कर सकती है। अदालत ने सुनवाई के लिए यूनिटेक के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और बॉलीवुड निर्माता करीम मोरानी के खिलाफ सुनवाई की अगली तारीख पर पेशी के लिए नए वारंट जारी किए।
अदालत 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से संबद्ध दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर रही थी। इनमें से एक की जांच सीबीआई जबकि दूसरे की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है। अदालत में मामले पर अंतिम जिरह 26 अप्रैल को पूरी हुई थी। सीबीआई के मुताबिक, राजा 2जी मोबाइल एयरवेव के आवंटन और दूरसंचार कंपनियों को लाइसेंस देने के मामले को लेकर पक्षपाती थे, जिससे राजस्व को भारी नुकसान हुआ।
सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, डीबी समूह से 22 करोड़ रुपये कलाइगनर टीवी को हस्तांतरित किए गए जो स्वान टेलीकॉम को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के बदले दी गई रिश्वत थी। ईडी ने धनशोधन से संबद्ध एक अलग मामला भी दर्ज किया है, जिसमें राजा, कनिमोझी, डीएमके प्रमुख एम.करुणानिधि की पत्नी दयालू अम्माल और अन्य पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया गया है। राजा सहित मामले के सभी आरोपी जमानत पर रिहा हैं।
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