लखनऊ: मुंबई आतंकी हमले के दस साल बीत गए, लेकिन बसपा के पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद को पूरा घटनाक्रम याद है। क्योंकि उस हमले ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। प्रसाद उस समय मुंबई के ताजमहल होटल में ठहरे थे। उन्होंने बताया कि हमले में जान गंवाने वाले 166 लोगों में उनके परिचित भी शामिल थे।
आतंकवादियों की गोलियों की तड़तड़ाहट उनके कानों में आज भी गूंजती है। उन्होंने बताया कि वे भाग्यशाली थे जो बच गए। वे होटल की दूसरी मंजिल पर थे और सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी को उन्होंने एकदम नजदीक से देखा था।
प्रसाद ने बताया कि वे 48 घंटे तक होटल में फंसे रहे। उन्हें एनएसजी कमांडो ने बचाया। तब तक उत्तर प्रदेश में उनके घर तक खबर पहुंच चुकी थी । उन्होंने कहा कि हमले का सदमा अभी भी है। हालांकि, वे बच गए और उन्हें एक तरह से नई जिंदगी मिली।
बता दें कि साल 2008 के नवंबर महीने की 26 तारीख को पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई को खून से रंग दिया। उन्होंने दो लग्जरी होटल, एक यहूदी केंद्र, एक रेस्टोरेंट और भीड़ वाले एक रेलवे स्टेशन को निशाना बनाया था। हथियारों से लेस आतंकियों ने 3 दिनों तक मुंबई का दहलाए रखा था।
इस दौरान विदेशी पर्यटकों सहित 166 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए थे। आतंकियों ने ताजमहल पैलेस होटल को अपना केंद्र बनाया हुआ था। इस दौरान होटल में स्टाफ समेत 30 लोगों को मार दिया गया था।
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