बाबरी मस्जिद विध्वंस के 25 साल: कोई मना रहा शौर्य दिवस तो कोई काला दिवस
यूपी सरकार ने किसी भी गड़बड़ी से निपटने के लिए सभी डीएम और एसपी को मुस्तैद रहने को कहा है साथ ही जरूरत पड़ने पर धारा 144 लगाने के भी आदेश दिए गए हैं। खासकर अयोध्या पर विशेष नजर है। अयोध्या को 4 जोन,10 सेक्टर और सब सेक्टरों में बांटा गया है। 17 कंपनी
नई दिल्ली: आज 6 दिसंबर है और आज ही के दिन पच्चीस साल पहले अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराया गया था। इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए कदम उठाने को कहा है। एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि यह सलाह शुक्रवार को सभी राज्यों के प्रधान सचिवों व पुलिस महानिदेशकों और केंद्रित शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को जारी की गई। सलाह में कहा गया कि 6 दिसंबर को अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस की 25वीं बरसी के मौके पर दोनों समुदायों द्वारा प्रदर्शन किया जा सकता है और यह सलाह दी जाती है कि प्रशासन अत्यधिक सतर्कता को बरकरार रखे और गंभीरता को देखते हुए सभी एहतियाती उपायों को प्रयोग में लाए। बरसी से एक दिन पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद मामले में अंतिम सुनवाई शुरू की।
अयोध्या केस में अबतक
- 6 दिसंबर 1992 को कार सेवकों ने विवादित ढांचा ढहा दिया
- विवादित ढांचा गिराने को लेकर कार सेवकों और नेताओं पर दो FIR
- लखनऊ की विशेष अदालत, रायबरेली कोर्ट में मामले की सुनवाई
- एक FIR की जांच CBI को, दूसरी यूपी CID के जिम्मे
- 1993 में 13 नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश की धारा
- दोनों मामलों को लखनऊ कोर्ट ट्रांसफ़र करने की हाइकोर्ट में अर्ज़ी
- 2001 में HC ने कहा कि रायबरेली का केस लखनऊ ट्रांसफ़र नहीं हो सकता
- सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, हाइकोर्ट का फ़ैसला बरक़रार
- रायबरेली कोर्ट ने आपराधिक साज़िश की धारा हटाई
- 2010 में हाइकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले को बरक़रार रखा
- 2011 में हाइकोर्ट के फ़ैसले को SC में CBI ने चुनौती दी
- 19 अप्रैल 2017 को SC का आदेश, आपराधिक साज़िश का केस चलेगा
- लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 12 नेताओं पर केस
- 30 मई 2017 को आरोपियों की लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में पेशी
- सीबीआई कोर्ट ने आरोपी नेताओं पर आपराधिक साजिश के केस तय किए
माहौल में तनाव है और सड़कें सुनसान हैं। सरकार का हाई अलर्ट। हर गली-चौराहे पर पुलिस का भारी बंदोबस्त, श्रद्धालुओं से लेकर स्थानीयों की तलाशी। 25 साल पहले अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की घटना किसी के लिए शौर्य दिवस है तो किसी के लिए ये काला दिवस है तो किसी ने 6 दिसंबर को बंद का ऐलान किया है। किसी भी बवाल से निपटने के लिए सिर्फ अयोध्या ही नहीं उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में हाईअलर्ट है।
अयोध्या में हाई अलर्ट
- अयोध्या को 4 जोन,10 सेक्टर और सब सेक्टरों में बांटा गया है
- 17 कंपनी पीएसी, 600 कांस्टेबल, 150 सब इंस्पेक्टर की तैनाती
- सुरक्षा में 6 एएसपी, 14 सर्किल ऑफिसर भी तैनात
- अयोध्या में हर गाड़ी की तलाशी, स्निफर डॉग, बम निरोधक दस्ता
- अयोध्या में सरयू के घाटों पर मेटल डिटेक्टर से जांच के निर्देश
विश्व हिंदू परिषद ने विवादित ढांचा विध्वंस के 25 साल पूरे होने को शौर्य दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। वीएचपी ने अयोध्या के कारसेवकपुरम में बड़ा कार्यक्रम रखा है तो वहीं बाबरी मस्जिद एक्सन कमेटी समेत कई मुस्लिम संगठन काला दिवस मना रहे हैं। टीएमसी भी आज काला दिवस मना रही है और ममता बनर्जी आज कोलकाता में रैली भी करेंगी। लेफ्ट पार्टियां भी देशभर में काला दिवस मना रही हैं। AIMIM ने 6 दिसंबर 1992 की घटना के विरोध में हैदराबाद में बंद बुलाया है।
- आज कौन क्या करेगा?
- विश्व हिंदू परिषद का देशभर में शौर्य दिवस
- अयोध्या के कारसेवक पुरम में शौर्य संकल्प सभा
- बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी काला दिवस मनाएगी
- बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की ओर से प्रार्थना सभा
- टीएमसी का काला दिवस, कोलकाता में ममता की रैली
- लेफ्ट पार्टियां भी देशभर में काला दिवस मनाएंगी
- ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बंद का ऐलान किया है
यूपी सरकार ने किसी भी गड़बड़ी से निपटने के लिए सभी डीएम और एसपी को मुस्तैद रहने को कहा है साथ ही जरूरत पड़ने पर धारा 144 लगाने के भी आदेश दिए गए हैं। खासकर अयोध्या पर विशेष नजर है। अयोध्या को 4 जोन,10 सेक्टर और सब सेक्टरों में बांटा गया है। 17 कंपनी पीएसी, 600 कांस्टेबल, 150 सब इंस्पेक्टर की तैनाती की गई है। यहां सुरक्षा में 6 एएसपी, 14 सर्किल ऑफिसर भी तैनात हैं और अयोध्या में हर गाड़ी की तलाशी ली जा रही है। लेकिन इस सवाल का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है कि अयोध्या विवाद कब खत्म होगा, कब मंदिर मस्जिद का झगड़ा सुलझेगा और कब 6 दिसंबर को शौर्य दिवस बनाम काला दिवस मनाने की परंपरा खत्म होगी।