नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के बाद कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन के बीच मजनू के टीला गुरुद्वारे से 210 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। बताया जा रहा है कि बॉर्डर सील होने की वजह से लोग फंसे हुए थे। रेस्क्यू के बाद सभी लोगों को नेहरू विहार के एक स्कूल में सभी लोगों को रखा जाएगा। सरकार ने कार्रवाई करते हुए मजनूं का टीला गुरुद्वारा को सील कर दिया है।
नॉर्थ डीसीपी, दिल्ली के मुताबिक, कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण 28 मार्च से उत्तरी दिल्ली के मजनू-का-टीला गुरुद्वारा में फंसे लगभग 210 लोगों को नेहरू विहार के एक स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक, 32 लोगों को एक स्कूल में आइसोलेशन के लिए रखा गया है। कुछ लोगों को 4 से 5 बसों में भरकर पंजाब भेजा जा चुका है लेकिन बाद में बॉर्डर सील होने की वजह से तमाम लोग यहां फंस गए थे।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की लापरवाही के चलते ऐतिहासिक गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब में पिछले 3 दिनों से सौकड़ों लोग पंजाब में अपने घरों को जाने की आस में फंसे हुए थे। इनमें से कुछ की तबीयत भी ठीक नहीं है। दिल्ली के निजामुद्दीन मकरज में तबलीगी जमात के खुलासे के बाद अब गुरुद्वारे में रोके गए इन लोगों को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। लॉकडाउन के दौरान लोगों का पलायन रोकने के लिए दिल्ली दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों को अस्थायी रैन बसेरों में बदल दिया है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (डीएसजीएमसी) अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को ट्वीट करके गुरुद्वारा मजनू का टीला में रुके हुए पंजाब के लोगों को पंजाब वापस जाने के लिए बसें देने की मांग की है। सिरसा ने कहा कि गुरुद्वारा मजनू का टीला में फंसे हुए लोगों में से कुछ लोगों में कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हैं, इसीलिए सरकार इनकी मेडिकल जांच कराकर उनके घरों तक भेजें।
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